शब्द का अर्थ
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					खोना					 :
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					स० [सं० क्षेपन] १. कोई वस्तु अनजान में या भूल से कहीं इस प्रकार छोड़ या गिरा देना कि वह खोजने पर जल्दी न मिले। किसी वस्तु से वंचित होना। गँवाना। जैसे–ताली, पुस्तक, या रुपये खोना। २. असावधानी, दुर्घटना, मृत्यु आदि के कारण बहुत बड़ी क्षति से ग्रस्त होना। जैसे–आँखे खोना, जान खोना, मान खोना आदि। ३. असावधानता प्रमाद आदि के कारण हाथ से यों ही निकल जाने देना। सदुपयोग न कर पाना। जैसे–सुयोग खोना। ४. खराब या बरबाद करना। जैसे–घर की दौलत खोना। अ० अन्यमनस्क हो जाना। प्रकृतिस्थ न रह जाना। जैसे–हमारा प्रश्न सुनते ही वह तो खो गये। पद-खोया-सा=(क) अन्यमनस्क, उदास या खिन्न। (ख) घबराया हुआ। मुहावरा–खोया जाना=चकपका जाना। सिटपिटा जाना। हक्का-बक्का होना। पुं० =दोनों (पत्तों का)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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