शब्द का अर्थ
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गंधर्व :
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पुं० [सं० गंध√अर्व् (मारना)+अच्, पररूप] [स्त्री० गंधर्वी, हिं० स्त्री० गंधर्विन] १. पुराणानुसार एक प्रकार के देवता जो स्वर्ग में गाने-बजाने का काम करते है। विशेष-यह लोग सोम के रक्षक, रोगों के चिकित्सक, सूर्य के अश्वों के वाहक, स्वर्गीय ज्ञान के प्रकाशक, यम और यमी के जनक आर्य माने जाते है। इनका स्वामी वरुण है। २.एक आधुनिक जाति जिसकी लड़कियाँ गाने-नाचने का काम और वेश्या-वृत्ति करती है। ३. बालिकाओं की वह अवस्था जब उनका यौवन आरंभ होता है और उनके स्वर में माधुर्य आता है। ४. मृग। हिरन। ५. घोड़ा। ६. एकशरीर से दूसरे शरीर में गयी हुई आत्मा। ७. वैद्यक के अनुसार एक प्रकार का मानसिक रोग। ८. संगीत में एक प्रकार का ताल। ९.विधवा स्त्री का दूसरा पति। |
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गंधर्व-तैल :
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पुं० [मध्य० स०] रेड़ी का तेल। |
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गंधर्व-नगर :
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पुं० [ष० त०] १. मगर, ग्राम आदि का वह मिथ्या आभास जो कुछ विशिष्ट प्रकार की प्राकृतिक अवस्थाओं में सूर्य की किरणें पड़ने पर आकाश में या स्थल से भ्रम से दिखाई पड़ता है। २. वेदान्त में, उक्त के आधार पर किसी प्रकार का मिथ्या, भ्रम। ३. चंद्रमा के चारों ओर घेरा या मंडल। ४. संध्या के समय पश्चिम दिशा में रंग-बिरंगें बादलों में फैली हुई लाली। ५. महाभारत के अनुसार मानसरोवर के पास का एक नगर। |
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गंधर्व-पुर :
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पुं० [ष० त०] गंधर्व-नगर। |
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गंधर्व-रोग :
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पुं० [मध्य० स०] एक प्रकार का उन्माद या पागलपन। |
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गंधर्व-लोक :
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पुं० [ष० त०] वह जगत् या संसार जिसमें गंधर्व रहतें है। |
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गंधर्व-वधू :
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स्त्री० [ष० त०] एक प्रकार का गंध-द्रव्य जिसे चीडा भी कहते है। |
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गंधर्व-विद्या :
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स्त्री० [ष० त०] गान विद्या। संगीत। |
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गंधर्व-विवाह :
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पुं० [मध्य० स०] हिन्दू धर्म-शास्त्रों के अनुसार आठ प्रकार के विवाहों में से एक जिसमें वर तथा कन्या अपनी इच्छा से एक दूसरे का वरण करते हैं। (कलियुग में ऐसा विवाह वर्जित है) |
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गंधर्व-वेद :
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पुं० [ष० त०] चार उपवेदों में से एक जिसमें संगीतशास्त्र का विवेचन है। |
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गंधर्व-संगीत :
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पुं० [ष० त०] वैदिक युग के मध्य के वे लोक गीत जिनसे देशी संगीत (आधुनिक लोकगीत) का विकास हुआ है। |
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गंधर्वा :
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स्त्री० [सं० गंधर्व+टाप्] दुर्गा का एक नाम। |
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गंधर्वास्त्र :
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पुं० [गंधर्व-अस्त्र, मध्य० स०] एक प्रकार का प्राचीन अस्त्र। |
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गंधर्वी :
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स्त्री० [सं० गंधर्व+ङीप्] १. गंधर्व जाति की स्त्री। २. पुराणानुसार घोड़ों की आदि माता जो सुरभी की पुत्री थी। वि० गंधर्व-संबंधी। गंधर्वो का। जैसे-गंध्रवी माया का रूप। |
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गंधर्वोन्माद :
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पुं० [गंधर्व-उन्माद, मध्य० स०] एक प्रकार का उन्माद। |
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