शब्द का अर्थ
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					गज					 :
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					पुं० [सं०√गज्(मत्त होना)+अच्] [स्त्री० गजी] १,. हाथी। २. दिग्गज। ३. आठ की संख्या। ४. दीवार के नीचे का पुश्ता। ५. महिषासुर का एक पुत्र। ६. राम की सेना का एक बंदर। ७. रहस्य संप्रदाय में, मन जो हाथी की तरह बलवान होता है और जल्दी वश में नहीं आता। पुं० [फा० गज] १. लंबाई नापने की एक माप जो सोलह गिरह, तीन फूट अथवा छत्तीस इंच के बराबर होती है। (लकड़ी नापने का गज अपवाद रूप से दो फुट या चौबीस इंच का माना जाता है) २. उक्त माप का वह उपकरण या साधन जो कपड़े, लकड़ी, लोहे आदि का बना होता है। ३. लोहे का वह छड़ जिससे पुरानी चाल की बंदूकों में बारूद भरते थे। ४. सारंगी बजाने की कमानी। ५. पुरानी चाल का एक प्रकार का तीर। ६. वह पतली लकड़ी जो बैलगाड़ी के पहिये में मूँडी से पुट्ठी तक लगाई जाती है। ७. इमारत में लकड़ी की वह पटरी जो घोड़िया के ऊपर रखी जाती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-कंद					 :
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					पुं० [ब० स०] हस्तिकंद।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-कुंभ					 :
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					पुं० [ष० त०] हाथी के माथे पर दोनों ओर उठे या उभरे हुए अंशु।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-कुसुम					 :
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					पुं० [ब० स०] नागकेसर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-केसर					 :
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					पुं० [ब० स० ] एक प्रकार का बढिया धान।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-गति					 :
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					स्त्री० [ष० त० ] १. हाथी की चाल। २. हाथी की सी मद और मस्त चाल। ३. एक प्रकार का वर्णवृत्त। ४. रोहिणी, मृगशिरा और आर्द्रा में शुक्र की स्थिति व गति। वि० हाथी की-सी मस्त चाल चलनेवाला। झूम-झूमकर चलनेवाला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-गती					 :
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					स्त्री० [फा० गज (नाप)+हिं० गति] कपड़ों की वह फुटकर बिक्री जो गज के हिसाब से नापकर होती हो। (पूरे थान या थोक की बिक्री से भिन्न)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-गमन					 :
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					पुं० [ष० त०] हाथी की-सी मस्त और मंद चाल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-घाव					 :
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					पुं० [सं० गज+हिं० घाव] एक प्रकार का हथियार जिससे युद्धक्षेत्र में हाथियों पर वार किया जाता था।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-चर्म (र्मेन्)					 :
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					पुं० [ष० त० ] १.हाथी का चमड़ा. २. एक प्रकार का चर्म रोग जिससे शरीर का चमड़ा हाथी के चमड़े की तरह कड़ा और खुरदुरा हो जाता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-चिर्भिटा					 :
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					स्त्री० [मध्य०स० ] इंद्रायन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-च्छाया					 :
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					स्त्री० [ष० त० ,] फलित ज्योतिष में एक प्रकार का योग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-ढक्का					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] हाथी पर रखकर बाजाया जानेवाला बड़ा धौंसा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-दंत					 :
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					पुं० [ष० त०] १. हाथी का दाँत। २. एक दाँत के ऊपर निकलनेवाला दूसरा दाँत। ३. वह पत्थर जो छज्जे का भार संभारने के लिए उसके नीचे लगाया जाता है। ४. दीवार में लगी हुई कपड़े टांगने की खूँटी। ५. एक प्रकार का घोड़ा। ६. नृत्य में एक प्रकार का भाव प्रकट करने की मुद्रा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-दान					 :
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					पुं० [ष० त० ] १. किसी को हाथी दान करके देना। २. हाथी के मस्तक पर बहनेवाला दान या मद।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-नक्र					 :
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					पुं० [मध्य० स०] गैंडा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-नाल					 :
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					स्त्री० [ब० स०] १. पुरानी चील की एक प्रकार की तोप जो हाथी पर रखकर चलाई जाती थी। २. वह बड़ी तोप जिसे हाथी खींच कर ले जाते थे।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-नासा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त०] हाथी की नाक अर्थात् सूँड।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-नीमीलिका					 :
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					स्त्री० [ष० त०] कोई चीज या बात देखते हुए भी यह प्रकट करना कि हम नहीं देख रहे हैं। जान-बूझकर अनजान बनना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-पति					 :
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					पुं० [ष० त० ] १. बहुत बड़ा हाथी। २. वह राजा जिसके पास बहुत से हाथी हों। ३. कलिंग देश के पुराने राजाओं की उपाधि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-पिप्पली					 :
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					स्त्री० [मध्य० स०] एक प्रकार का पौधा जिसके कुछ अंग दवा के काम आते हैं। गजपीपल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-पुट					 :
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					पुं० [मध्य० स०] धातुओं के फूँकने की एक रीति। (वैद्यक)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-पुर					 :
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					[ष० त० ] हस्तिनापुर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-पुष्पी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स० ङीष्] नाग-पुष्पी नामक पौधा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-प्रिया					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० ] शल्लकी या सलई (वृक्ष और उसकी लकड़ी)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-बंध					 :
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					पुं० [ब० स०] एक प्रकार का चित्रकाव्य जिसमें किसी छंद में अक्षरों की योजना इस प्रकार होती है कि वे हाथी के चित्र में बैठाये जा सकते हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-बंधन					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त० ] १. हाथी बाँधने का खूँटा। २. हाथी बाँधने का सिक्कड़।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-बाँक					 :
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					पुं० =गज-बाग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-बाग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गज+फा० बाग-लगाम] हाथी को चलाने का अंकुश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-भक्षक					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] पीपल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-मणि					 :
				 | 
				
					उभय० [मध्य० स०] गज-मुक्ता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-मद					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त० ] मत्त हाथी के मस्तक से बहनेवाला दान या मद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-मुक्ता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] एक प्रकार का कल्पित मोती जो हाथी के मस्तक में स्थित माना जाता है। गज-मणि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-मुख					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] वह जिसका मुख हाथी के समान हो, अर्थात् गणेशजी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गज-मोचन					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त० ] विष्णु का वह रूप जिसे धारण करके उन्होंने ग्राह से एक हाथी का उद्धार किया था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-मौक्तिक					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] गज-मुक्ता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-रथ					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] वह रथ जिसे हाथी खींचते हों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-वदन					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] गणेशजी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-विलसिता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स०] एक प्रकार का छंद या वृत्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-वीथी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० ] १. हाथियों की पंक्ति। २. शुक्र की गति के विचार से रोहिणी, मृगशिरा और आर्दा नक्षत्रों का वर्ग जिसके बीच से होकर शुक्र चलता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-व्रज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गज√व्रज (गति)+अच्, उप० स०] हाथियों पर चलने वाली सेना। वि० हाथी की-सी चाल वाला				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-शाला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० ] वह स्थान जहाँ हाथी बाँधे जाते हों। फीलखाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज-स्नान					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त० ] हाथियों की तरह किया जानेवाला स्नान जिसमें वे नहा चुकने के बाद फिर ढेर सी धूल और मिट्टी उड़ाकर अपना सारा शरीर गंदा कर लेते हैं। फलतः ऐसा काम जो कर चुकने के बाद न करने के समान कर दिया जाए।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजअसन					 :
				 | 
				
					पुं०=गजाशन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज़इलाही					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० गज+इलाही] अकबरी गज जो ४१ अंगुल का होता और इमारत के काम में आता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजक					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० कज़क] १. नशीली वस्तु (जैसे-अफीम, भाँग, शराब आदि का सेवन करते समय मुँह का स्वाद बदलने के लिए खाई जानेवाली कोई चटपटी या स्वादिष्ट चीज। जैसे–कबाब, पापड़, समोसा आदि। २. गुड़ या चीनी का पाग बनाकर और उसमें अन्न के दाने, सूखे मेवे आदि डालकर जमाई जानेवाली एक प्रकार की पपड़ी। ३. तिल पपड़ी। ४. जलपान। विशेष–पूरब में यह शब्द प्रायः स्त्रीलिंग में बोला जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजकरनआलू					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गजक-र्णालु] अरुआ नामकी लता जिसमें लंबा कंद होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजगा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गज से] हाथियों का एक प्रकार का गहना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजगामी (मिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० गज√गम्+णिनि] [स्त्री० गजगामिनी] हाथी की तरह झूम-झूमकर मस्ती से चलनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजगाह					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गज-ग्राह से] हाथी या घोड़े पर डाली जाने वाली झूल। पाखर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजगौन					 :
				 | 
				
					पुं० =गजगमन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजगौनी					 :
				 | 
				
					वि० स्त्री०=गजगामिनी(गजगामी की स्त्री रूप)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजगौहर					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० गज+फा० गौहर] गजमोती। गजमुक्ता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजट					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० गजेट] वह राजकीय सामयिक पत्र जिसमें शासन संबंधी सूचनाएँ प्रकाशित होती है। वार्त्तायन ( दे० )।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गज+तल्-टाप्] १. हाथी होने की अवस्था या भाव। २. हाथियों का झुड या समूह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजंद(दा)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गजै] हाथी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजदंती					 :
				 | 
				
					वि० [सं० गजदंत+हिं० ई (प्रत्यय)] हाथी दाँत का बना हुआ। जैसे-गजदंती चूडा या चूड़ियाँ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजधर					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० गज+हिं० धर] मकान बनाने वाला मिस्त्री। राज। मेमार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजनफर					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] शेर। सिंह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजनवी					 :
				 | 
				
					वि० [फा०] १. गजनी नगर की रहनेवाला। जैसे–महमूद गजनवी। २. गजनी नगर से संबंध रखनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० गर्जन] =गाजना। (गरजना)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गज़नी					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० मि० सं० गज्जन] [स्त्री० गजनवी] अफगानिस्तान के एक नगर का नाम जो महमूद की राजधानी थी। स्त्री० एक प्रकार की चिकनी मिट्टी। गाजनी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजपाय					 :
				 | 
				
					पुं० =गजपाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजपाल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गज्√पाल्(रक्षा करना)+णिच्+अच्] महावत। हाथीवान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजपाँव					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० गज+पाँव] एक प्रकार का जल पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजपीपल					 :
				 | 
				
					पुं० =गज-पिप्पली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजब					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० ग़ज़ब] १. भीषण क्रोध। बहुत जेत गुस्सा। कोप। प्रकोप। पद-गजब इलाही==ईश्वर का या दैवी कोप। २. उक्त प्रकार के कोप के कारण पड़ने वाली बहुत बड़ी विपत्ति या संकट। मुहावरा–(किसी पर) गजब गुजरना=ऐसा काम करना जिससे किसी पर बहुत बड़ी विपत्ति पड़े। उदाहरण-गजब गुजारत गरीबन की धार पै।–पद्याकर। (किसी पर) गजब ढाना=किसी के लिए भीषण विपत्ति या संकट उत्पन्न करना। ३. बहुत बड़ा अनिष्ट। अनर्थ। ४.अन्याय। जुल्म। मुहावरा–गजब ढाना अन्याय या जुल्म करना। जैसे–ये आँखें गजब ढाती हैं। ५. बहुत ही अद्बुत या विलक्षण काम या चीज। पद-गजब काजो गुण, मात्रा आदि के विचार से बहुत बढ़-चढ़कर हो। बहुत अधिक और असाधारण। जैसे–गजब की शोखी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजबीला					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० गजब] [स्त्री० गजबीली] गजब करने या ढानेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजबेली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गज+वल्ली] कांति-सार लोहा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजमनि					 :
				 | 
				
					स्त्री० गज-मणि (गजमुक्ता)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजमोती					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गजमौक्तिक, प्रा० गजमोत्तिअ]गज-मुक्ता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गर्ज० हिं० गरज से वर्ण-विपर्यय] १. प्राचीन काल में, एक एक पहर पर समय-सूचक घंटा या घड़ियाल बजने का शब्द। पारा। २. बहुत तड़के या प्रभात के समय बजनेवाले घंटे या घड़ियाल का शब्द। उदाहरण–सुबह हुई, गजर बजा, फूल खिले हवा चली।–कोई शायर। मुहावरा–गजरदम या गजरबजे बहुत तड़के या सबेरे। ३. आज-कल चार, आठ और बारह बजने पर उतनी बार घंटा बज चुकने के बाद फिर उतनी ही बार परंतु जल्दी-जल्दी फिर उतने ही घंटे बजने का शब्द। ४. आज-कल की घड़ियों में कुछ विशिष्ट यांत्रिक क्रिया से जगाने आदि के लिए घंटी के जल्दी-जल्दी और गन-गन करके बजने का शब्द। पुं० [हिं० गजर बजर-मिला-जुला] लाल और सफेद मिला हुआ गेहूँ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजर-दम					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [हिं० गजर+फा० दम] प्रभात के समय। बहुत सबेरे। तड़के।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजर-प्रबंध					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० गजर+सं० प्रबंध] नाच-गाना आरंभ करने से पहले गाने और बजानेवालों का अपना स्वर और बाजे ठीक करना या मिलाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजर-बजर					 :
				 | 
				
					वि० [अनु०] बिना समझे-बुझे यों ही एक दूसरे के साथ मिलाया या रखा हुआ। पुं० बेमेल चीजों की एक दूसरी में मिलावट।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजर-भत्ता					 :
				 | 
				
					पुं०=गजर-भात।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गजरभात					 :
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					पुं० [हिं० गाजर+भात] गाजर और चावल उबालकर बनाया जानेवाला मीठा भात।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजरा					 :
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					पुं० [हिं० गंज-समूह] १. फूलों की घनी गुँथी हुई बड़ी माला। हार। २. उक्त प्रकार की एक छोटी माला जो कलाई पर गहने के रूप में पहनी जाती है। ३. मशरू नामका रेशमी कपड़ा। पुं० [हिं० गाजर] गाजर के पत्ते जो चौपायों को खिलाये जाते है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजराज					 :
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					पुं० [ष० त० ] बहुत बड़ा हाथी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजरी					 :
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					स्त्री० [हिं० गजरा] एक गहना जो स्त्रियाँ कलाई में पहनती है। स्त्री० [हिं० गाजर] एक प्रकार की छोटी गाजर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजरौट					 :
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					स्त्री० [हिं० गाजर+औट(प्रत्यय)] गाजर की पत्ती। गजरा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजल					 :
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					स्त्री० [फा० गजल] १. वह कविता जिसमें नायिका के सौन्दर्य और उसके प्रति प्रेम का वर्णन हो। २. फारसी ओर उर्दू में एक प्रकार का पद्य जिसमें दो-दो कड़ियों का एक-एक चरण होता है तथा प्रत्येक दूसरी कड़ी में अनुप्रास होता है। विशेष–(क) इसके गाने की पद्धति दिल्ली से चली थी। (ख) यह कई प्रकार के हलके रागों और धुनों में गाई जाती है। (ग) एक गजल के विभिन्न चरणों में एक-एक स्वतंत्र भाव होता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजलील					 :
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					पुं० [ब० स०] ताल के साठ मुख्य भेंदो में से एक।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजवान					 :
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					पुं० =हाथीवान (महावत)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजही					 :
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					स्त्री० [हिं० गाज-फेन] वह मथानी जिससे कच्चा दूध मथकर मक्खन निकाला जाता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजा					 :
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					पुं० [?] वह डंडा जिससे बड़ा ढोल या नगाड़ा बजाया जाता है।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजाजीव					 :
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					पुं० [सं० गज-आ√जीव् (जीना)+अप्] वह जिसकी जीविका हाथी पालने अथवा हाथी चलाने से चलती हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					गजाधर					 :
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					पुं० =गदाधर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजानन					 :
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					पुं० [गज-आनन, ब० स०] गणेश जी, जिनका मुँह हाथी के समान है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजायुर्वेद					 :
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					पुं० [गज-आयुर्वेद,ष० त० ] वह शास्त्र जिसमें हाथियों के रोगों और उनके निदान का विवेचन होता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजारि					 :
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					पुं० [गज-अरि,ष० त० ] १. हाथी का शत्रु अर्थात् शेर। सिंह। २. एक प्रकार का शाल वृक्ष।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					गजारी					 :
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					पुं० =गजारि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजारोह					 :
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					पुं० [सं० गज-आ√रुह(चढ़ना)+अण्] १. हाथी पर चढना। २. महावत।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजाल					 :
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					पुं० [देश०] १. एक प्रकार की मछली। २. खूँटा या खूँटी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजाशन					 :
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					पुं० [गज-अशन,ष० त० ] पीपल का पेड़।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजासुर					 :
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					पुं० [गज-असुर,मध्य० स० ] एक दैत्य जिसका वध शिवजी ने किया था।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					गजास्य					 :
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					पुं० [गज-आस्य,ब० स०] गणेशजी।				 | 
			
			
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					गजिया					 :
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					स्त्री० [हिं० गज] तारकशों और बिटाई करनेवालों का एक औजार।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					गजी					 :
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					पुं० [फा० गज] एक प्रकार का देशी मोटा सस्ता कपड़ा। गाढ़ा। सल्लम। जैसे–गजी-गाढ़ा पहनना। (अर्थात् देशी, मोटा औस सस्ता कपड़ा पहनना) वि० पुं० [सं० गज+इनि] गजारोही। स्त्री० [सं० गज+ङीष्] हाथी की मादा। हथिनी।				 | 
			
			
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					गजेंद्र					 :
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					पुं० [गज-इंद्र,ष० त० ] १. हाथियों का राजा, ऐरावत। २. बहुत बड़ा हाथी। गजराज। ३. पुराणानुसार वह हाथी जिसे जल में ग्राह (घड़ियाल) ने पकड़ लिया था और जिसे भगवान कृष्ण ने आकर छुड़ाया था।				 | 
			
			
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					गजेंद्र-गुरु					 :
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					पुं० [ष० त० ] रुद्रताल का एक भेद। (संगीत)				 | 
			
			
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					गज्ज					 :
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					स्त्रीगरज (गर्जन)।				 | 
			
			
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					गज्जन					 :
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					पुं० दे० ‘गजनी’।				 | 
			
			
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					गज्जना					 :
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					अ० =गरजना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गज्जर					 :
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					पुं० [अनु०] ऐसी भूमि जिसमें कीचड़ होने के कारण पैर धसते हों। दलदल।				 | 
			
			
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					गज्जल					 :
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					पुं० [?] अंजीर।				 | 
			
			
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					गज्जूह					 :
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					पुं० [सं० गज+यूथ] हाथियों का झुंड़ या दल।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गज्झा					 :
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					पुं० [सं० गज्ज=शब्द] तरल पदार्थ में होनेवाले बहुत से छोटे-छोटे बुलबुलों का समूह। गाज। फेन। मुहावरा–गज्जा छोड़ना देना या मारना=मछली का पानी के अंदर से बुलबुलें फेंकना। पुं० [सं० गंज, फा० गंज] १. ढेर। राशि। २. कोश। खजाना। ३. धन-संपत्ति। दौलत। मुहावरा–गज्झा मारना=अनुचित रूप से और एक साथ बहुत सा धन प्राप्त करना। ४. फायदा। मुनाफा।लाभ। (बाजारू)				 | 
			
			
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