शब्द का अर्थ
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गड़बड़ :
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वि० [अनु०] १. जिसमें ठीक क्रम, परम्परा, व्यवस्था आदि का अभाव हो। विश्रृंखल। जैसे–तुम्हारा यह लेखा बहुत गड़बड़ हैं। २. बिना किसी क्रम, नियम या व्यवस्था के अथवा खराब या भद्दी तरह से आपस में मिला या मिलाया हुआ। जैसे–तुमने अलमारी की सब पुस्तकें गड़बड़ कर दीं। ३. बे-ठिकाने या बे-सिर पैर का। अंड-बंड। ऊट-पटाँग। जैसे–तुम्हारी इस तरह की गड़बड़ कारवाई यहाँ नहीं चलने पायगी। पुं० [स्त्री० गड़बड़ी, वि० गड़बड़िया] १. ऐसी अव्यवस्था जिसमें क्रम, नियमितता,व्यवस्था आदि का बहुत अधिक और खटकने वाला अभाव हो। जैसे–तुम जहाँ पहुँचते हो, वही कुछ न कुछ गड़बड़ करते हो। २. असावधानता, भूल, भ्रम आदि के कारण कुछ का कुछ कह देने की क्रिया या भाव। ३. उत्पात। उपद्रव। |
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समानार्थी शब्द-
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गड़बड़-घोटाला :
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पुं० दे० ‘गड़बड़-झाला’। |
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गड़बड़-झाला :
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पुं० [अनु०] ऐसा काम, बात या स्थिति जिसमें बहुत अधिक गड़बड़ी हों। |
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गड़बड़ा :
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पुं०=गड़प्पा। |
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गड़बड़ाध्याय :
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पुं० दे० ‘गड़बड़-झाला’। |
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गड़बड़ाना :
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अ० [हिं० गड़बड़] १. गड़बड़ी, चक्कर या धोखे में पड़ना। २. क्रम आदि लगाने के समय भूल करना। भ्रम में पड़ना। ३. अस्त-व्यस्त या तितर-बितर होना। स० १. गड़बड़ी, चक्कर या धोखे में डालना। २. भ्रम में डालना। ३. क्रम आदि के विचार से आगे-पीछे या इधर-उधर करना। ४. अस्त-व्यस्त या तितर-बितर करना। |
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गड़बड़िया :
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वि० [हिं० गड़बड़] १. जो कोई काम ठीक ठिकाने अथवा व्यवस्थित रूप से न करता हो। क्रम, व्यवस्था आदि बिगाड़नेवाला। गड़बड़ करनेवाला। २.उपद्रव या दंगा करनेवाला। अशांति फैलानेवाला। |
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गड़बड़ी :
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स्त्री०=गड़बड़। |
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