शब्द का अर्थ
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					गलत					 :
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					वि० [अ०] १. (मौखिक या लिखित प्रश्नोत्तर या हिसाब-किताब) जिसमें कलन या गणन संबंधी कोई भूल हो अथवा जो नियम या सिद्धान्त की दृष्टि से ठीक न हो। २. (लेख) जो अक्षरी व्याकरण आदि की दृष्टि से शुद्ध न हो। जिसमें किसी प्रकार की भूल या भूलें हों। ३. जो तथ्य के अनुरूप न हो। जो असत्य या झूठ हो। जैसे–तुम गलत कहतें हो मैंने कभी ऐसा नहीं कहा था। ४. जो उचित या विहित न हो। दूषित या बुरा। जैसे–उन्होंने गलत रास्ता अपनाया है।				 | 
			
			
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					गलत-फहमी					 :
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					स्त्री० [अ०+फा०] किसी की कही हुई बात का अर्थ या आशय कुछ का कुछ समझना। कोई बात समझने में कुछ धोखा खाना।				 | 
			
			
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					गलतंग					 :
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					वि० [सं० गलित+अंग] बेसुध। बेखबर। बेहोश।				 | 
			
			
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					गलतनामा					 :
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					पुं०=शुद्धिपत्र।				 | 
			
			
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					गलतनी					 :
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					स्त्री० [हिं० गला+तनना] बैल के गेराँव में बाँधी जानेवाली रस्सी। पगहा।				 | 
			
			
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					गलतंस					 :
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					पुं० [सं० गलित+वंश] १. ऐसी संपत्ति जिसका कोई उत्तराधिकारी न रह गया हो। लावारिस। जायदाद। २. ऐसा व्यक्ति जिसकी संपत्ति का कोई उत्तराधिकारी न रह गया हो।				 | 
			
			
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					गलताँ					 :
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					वि०=गलतान।				 | 
			
			
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					गलता					 :
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					पुं० [फा० गलतान] १. एक प्रकार का बहुत चमकीलाम मोटा कपड़ा जिसका ताना रेशम का और बाना सूत का होता है। २. दीवार में बनी हुई कंगनी या छज्जी। कारनिस।				 | 
			
			
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					गलताड़					 :
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					पुं० [सं० ष० त० ] जूए या जुआठे की वह खूँटी जो अन्दर की ओर होती है।				 | 
			
			
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					गलतान					 :
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					वि० [फा०] १. लड़खाड़ाता या लुढ़कता हुआ। २. घूमता या चक्कर खाता हुआ। पुं० एक प्रकार का रेशमी कपड़ा।				 | 
			
			
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					गलती					 :
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					स्त्री० [अ० गलत+ई फा०] १. कलन या गणना संबंधी बूल। २. नियम, रीति, व्याकरण, सिद्धान्त आदि की दृष्टि से होनेवाली कोई भूल। अशुद्धि। ३. ठीक प्रकार से कोई काम न करने, न देखने या न समझने की अवस्था या भाव। पुं० [हिं० गलना] अभिषेक-घट जिसमें छिद्र होता है। उदाहरण–पुन गलती पुजारा, गाडुवा नैन ढालंती।				 | 
			
			
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