शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					गलौ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ग्लौ] चंद्रमा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गलौआ					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० गाल] बंदरों के गालों के अंदर की थैली जिसमें वे जल्दी जल्दी खाने की वस्तुएँ भर लेते हैं और बाद में फिर से उसमें से निकाल कर चबा-चबा कर खाते हैं। वि० [हिं० गलाना] १.जो गलाकर फिर से नया बनाया गया हो। २.जो गलाया जाने को हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गलौध					 :
				 | 
				
					पुं० [स० त० ] एक प्रकार का रोग जिसमें गले के अंदर सूजन हो जाती है और साँस लेने में कठिनता होती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |