शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					गवँ					 :
				 | 
				
					स्त्री० दे० ‘गौ’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गवय] रामचंद्र जी की सेना का एक बन्दर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवईस					 :
				 | 
				
					पुं०=गीरीश (शिव)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवनचार					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० गवन+चार] विवाह के बाद वधू का पहले-पहल वर के घर जाना। गौना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवनना					 :
				 | 
				
					अ० [अ० गमन] गमन करना। जाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवना					 :
				 | 
				
					पुं० -गौना। अ०=गवनना (जाना)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवमेंट					 :
				 | 
				
					स्त्री०=गवर्नमेंट।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√गु(शब्द करना)+अप्,गव√या(जाना)+क] [स्त्री० गवयी] १. नीलगाय। २. राम की सेना का एक बंदर। ३. एक प्रकार का छंद जिसके प्रथम चरण में १९ मात्राएं होती हैं और ११ मात्राओं पर विराम होता है। इसका दूसरा चरण आधा दोहा होता है। ४. तिर्मिगिल वर्ग का एक स्तनपायी बड़ा जल-जंतु। (डयूगांग)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवरल					 :
				 | 
				
					स्त्री०=गौरी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवरि					 :
				 | 
				
					स्त्री०=गौरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवर्नमेंट					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ०] १. राज्य का शासन करनेवाली सत्ता। शासन। सरकार। २. उन व्यक्तियों का वर्ग या समूह जो देश का शासन और उसके कार्यों का संचालन करते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवर्नर					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] १. शासन करनेवाला व्यक्ति। शासक। हाकिम। २. किसी प्रांत या प्रदेश का वह सबसे बड़ा अधिकारी जो सम्राट अथवा केन्द्रीय शासन की ओर से नियुक्त हुआ हो। आज-कल का राज्यपाल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवर्नर-जनरल					 :
				 | 
				
					पुं० [अं०] वह प्रधान शासक जिसके अधीन किसी देश के विभिन्न प्रांतों के गवर्नर काम करते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवर्नरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अं० गवर्नर+हिं० ई (प्रत्यय)] गवर्नर का काम, पद या शासन। वि गवर्नर संबंधी। गवर्नर का।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गव√ला (लेना)+क] जंगली भैंसा। अरना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवष					 :
				 | 
				
					पुं०=गवाक्ष।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाक्ष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गो-अक्षि,ष० त० ] १. दीवारों में बना हुआ छोटा झरोखा। छोटी खिड़की। २. रामचंद्र की सेना का एक बंदर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाक्षित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० गवाक्ष+इतच्] १. (दीवार) जिसमें गवाक्ष बने हों। २. खिड़कीदार (मकान)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाक्षी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गवाक्ष+ङीष्] १. इंद्रवारूणी। २. अपराजिता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाख					 :
				 | 
				
					पुं०=गवाक्ष।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाची					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गो√अञ्च्(गति)+क्विन्-ङीष्] मछलियों की एक जाति का वर्ग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाछ					 :
				 | 
				
					पुं०=गवाक्ष।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवादन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गो-अदन, ष० त०] गौओं, बैलों, भैंसों आदि के खाने की घास या चारा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाधिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गो-अधि√कै (प्रतीत होना)+क-टाप्] लाक्षा। लाख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवामयन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गवाम्-अयन, अलुक् स०] दस या बारह महीने में पूरा होनेवाला एक वैदिक यज्ञ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवार					 :
				 | 
				
					वि० [फा०] गवारा का संक्षिप्त रूप जो उसे यौगिक शब्दों के अंत में लगने पर प्राप्त होता है। जैसे–खुशगवार, नागवार आदि। स्त्री, दे० ‘ग्वार’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवारा					 :
				 | 
				
					वि० [फा०] १. जो अँगीकृत या गृहीत करने के योग्य हो। २. पचने या हजम होनेवाला। अनुकूल। रुचिकर। ३. बरदाश्त करने या लहने योग्य। सह्म।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवारिश					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा०] ओषधियों का चूर्ण। (इसी का अरबी रूप जबारिश है)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवालीक					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गो-अलीक,च.त० ] वह मिथ्या भाषण जो गौ आदि चौपायों के संबंध में हो। (जैन)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाश					 :
				 | 
				
					वि० पुं० [सं०गो√अश्(खाना)+अण्]=गवाशन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाशन					 :
				 | 
				
					वि० [सं० गो√अश्+ल्यु-अन] गौ का मांस खानेवाला। गो=भक्षी। पुं० १. चमार। २. चांडाल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवास					 :
				 | 
				
					वि० [सं० गवाशन] गौ की हत्या करने वाला। पुं० कसाई। स्त्री० [हि० गाना] गाने की क्षणिक प्रवृत्ति या शौक। जैसे–कभी-कभी आपको भी गवास लगती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाह					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] १. ऐसा व्यक्ति जिसने घटना स्वयं देखी हो अथवा जिसे किसी घटना, तथ्य बात आदि की ठीक और पूरी जानकारी हो। साक्षी। जैसे–बहुत से लोग इस घटना के गवाह है। २. वह व्यक्ति जो न्यायालय में अथवा किसी न्यायकर्त्ता के समझ अपनी जानकारी बतलावें तथा तथ्य का सत्यापन या समर्थन करे। साक्षी। ३. वह जो दो पक्षों में होनेवाले लेन-देन व्यवहार समझौते आदि के सचमुच घटित होने के प्रमाण किसी लेख्य पर हस्ताक्षर करे अथवा आवश्यकता होने पर उक्त घटना का सत्यापन या समर्थन करे। (विटनेस उक्त तीनों अर्थों में)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाहियाँ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गोघ्न=अतिथि] अतिथि। मेहमान। वि०, पुं०=गँवार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवाही					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा०] किसी घटना के संबंध में गवाह की कही हुई बात या दिया हुआ बयान। गवाह का कथन। साक्ष्य। (एविडेन्स) मुहावरा–गवाही देना=किसी साक्षी का किसी ओर से समर्थन करना या उसे ठीक बतलाना। (किसी काम या बात में) मन गवाही देना=मन या अंतःकरण का यह कहना कि यह बात ठीक है अथवा ऐसा होना चाहिए या होगा। जैसे–हमारा तन तो गवाही देता है कि वे अवश्य यहाँ आयेगे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गविआ					 :
				 | 
				
					स्त्री०=गौ। उदाहरण–बदल बिआएल गविआ बाँझे।–कबीर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गविष्टि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गवेष्टि] १. इच्छा या कामना। २. लड़ने झगड़ने की इच्छा या प्रवृत्ति। वि० [ब० स०] जो गौ या गौएँ लेना चाहता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गविष्ठ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गवि√स्था(ठहरना)+क] सूर्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवीधुक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√गवेधुक,पृषो० सिद्धि] कौडिल्ला नामक पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवीश					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गो-ईश,ष० त० ] १. गोस्वामी। २. विष्णु। ३. साँड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेजा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गवेषण?] १. बातचीत। २. वाद-विवाद। बहस।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेधु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गवे√धा (धारण करना)+कु, अलुक् स०] कसेई या कौड़िल्ला नामक पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेधुक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गवेधु+कन्]=गेवेधु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेरुक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गो√ईर् (गति)+उकञ्] गेरू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेश					 :
				 | 
				
					पुं०=गवीश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√गवेष्(ढूँढ़ना)+घञ्]=गवेषण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेषक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√गवेष्+ण्युल्-अक] गवेषणा करनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेषण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√गवेष्+ल्युट्-अन] १. खोई हुई गाय को ढूँढ़ने का काम। खोजना। २.चाहना। ३. दे० ‘गवेषणा’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेषणा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√गवेष्+णिच्+ण्युल्-अन-टाप्] १. गौ पाने की इच्छा करना। २.खोई हुई गौ ढूँढ़ने निकलना। ३.कोई चीज या ढूँढ़ने का काम। ४. किसी बात या विषय का मूल रूप या वास्तविक स्थिति जानने के लिए उस बात या विषय का किया जानेवाला परिश्रम पूर्वक अध्ययन और अनुसंधान। (रिसर्च)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेषित					 :
				 | 
				
					भू० कृ० [सं०√गवेष्+णिनि] गवेषण करनेवाला। गवेषक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेसना					 :
				 | 
				
					स० [सं० गवेषणा] खोजना। ढूँढ़ना। स्त्री० गवेषणा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेंसी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० गवेषण से] गवेषणा या खोज करनेवाला। उदाहरण–को बर बाँधि गवेसी होई।–जायसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवेसी					 :
				 | 
				
					वि०=गवेषी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवैया					 :
				 | 
				
					पुं० [हि० गाना] वह जो संगीत शास्त्र का ज्ञाता हो और उसके अनुसार अच्छा गाता हो। गायक। (म्यूजीशियन)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गवैहाँ					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० गाँव+ऐहाँ(प्रत्यय)] १. ग्रामीण। देहाती। २. गँवारों की तरह का। देहाती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गव्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं० गो+यत्] गो से उत्पन्न या प्राप्त। जैसे–दूध, दही घी गोबर गोमूत्र आदि। पद-पंच-गव्य। (देखें)। पुं० १. गौओं का झुंड। २. दे० पंच-गव्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गव्या					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गव्य+टाप्] १. गौओं का झुंड। २. दो कोस की दूरी या नाप ३. ज्या। ४. गोरोचन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गव्यूति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गो-यूति,ष० त० अवं आदेश] दो कोस या दो हजार धनुष की दूरी की एक प्राचीन नाप।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |