शब्द का अर्थ
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					गाज					 :
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					स्त्री० [सं० गर्ज, प्रा० गज्ज] १. गूँजने की क्रिया भाव या शब्द। गर्जन। पद-गाजा बाजा-कई तरह के बाजे। २. बिजली। वज्र। मुहावरा–गाज पड़ना=बिजली गिरना या वज्रपात होना। (किसी वस्तु पर) गाज पड़ना-पूरी तरह से नष्ट या बरबाद होना। गाज मारना-गाज पड़ना। पुं० [अनु० गजगज] पानी आदि का फेन। झाग। स्त्री, [?] काँच की चूड़ी।				 | 
			
			
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					गाजना					 :
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					अ० [सं० गर्जन,पा० गज्जन] १. गर्जन करना। गरजना। २. शोर मचाना। उदाहरण–जूँ अंबर पर इंदर गाजा।–ग्राम्य गीत। ३. खूब प्रसन्न होना।				 | 
			
			
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					गाजर					 :
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					स्त्री० [सं० गृंजन] मूली की जाति का एक प्रसिद्ध मीठा लंबोतरा कंद जिसका अचार, तरकारी मुरब्बा आदि बनाये जाते हैं। मुहावरा–(किसी को) गाजर मूली समझना= (क) अशक्त या असमर्थ समझना। (ख) तुच्छ या हेय समझना।				 | 
			
			
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					गाजा					 :
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					पुं० [फा० गाजः] एक प्रकार का चूर्ण या लेप जो स्त्रियाँ सौंदर्य बढ़ाने के लिए मुँह पर मलती है। पुं० गाँजा। उदाहरण–गाजा पिये गुरु ज्ञान मिटे।				 | 
			
			
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					गाजाधर					 :
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					पुं०=गदाधर।				 | 
			
			
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					गाज़ी					 :
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					पुं० [अ०] १. मुसलमानों में वह वीर या योद्धा जो धर्म के लिए विधर्मियों से युद्ध करता हो। २. उक्त प्रकार के युद्ध में प्राण देनेवाला व्यक्ति। ३. बहुत बड़ा बहादुर या वीर।				 | 
			
			
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					गाजीमर्द					 :
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					पुं० [अ०+फा०] १. बहुत बड़ा योद्धा या वीर। २. घोड़ा।				 | 
			
			
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					गाजीमियाँ					 :
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					पुं० [अ०] महमूद गजनवी का भानजा सालार मसऊद जो बहराइच में श्रावस्ती के जैन राजा सुहृदेव के हाथों मारा गया था।				 | 
			
			
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