शब्द का अर्थ
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गिर :
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पुं० [सं० गिरि से] गिरनार काठियावाड़ के देश का भैसा। पुं०-गिरि।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (गिर के यौ० के लिए दे० गिरि के० यौ०) स्त्री०=गिरा। (वाणी)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरई :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार की छोटी मछली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरक्षण :
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पुं०=गिद्ध। (राज०) उदाहरण–कायर केरे मांस को गिरक्षण कबहुँ न खाइ।–जटमल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरगट :
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पुं०=गिरगिट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरगिट :
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पुं० [सं० कृकलास या गलगवि] छिपकली की जाति का एक जंतु जो आवश्यकतानुसार अपना रंग बदल लेता है। मुहावरा–गिरगिट की तरह रंग बदलना=कभी कुछ और कभी कुछ करना, कहना या मानना। एक बात पर स्थिर न रहना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरगिटान :
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पुं०=गिरगिट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरगिट्टी :
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स्त्री० [?] एक प्रकार का छोटा पेड़ जिसकी छाल खाकी रंग की होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरगिरी :
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स्त्री० [अनु०] चिकारे या सारंगी की तरह का एक प्रकार का खिलौना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरजा :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का पक्षी जो कीड़े मकोड़े खाता है। पुं० [पुर्त० इग्रिजिया] ईसाइयों का प्रार्थना मंदिर। स्त्री०=गिरिजा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरंथ :
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पुं०=ग्रंथ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरद :
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अव्य० =गिर्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदा :
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पुं० [फा० गिर्द] १. घेरा। २. चक्कर। ३. तकिया। ४. हलवाइयों आदि का काठ का बडा थाल। ५. कपड़े का वह गोल टुकड़ा जो हुक्कें के नीचे रखा जाता है। ६. गतके का वार रोकने की ढाल। फरी। ७. खजरी ढोल आदि का मेंडरा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदागिरद :
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क्रि० वि० =गिर्दागिर्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदान :
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पुं० १.=गिरगिट। २. =गरदान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदाब :
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पुं० [फा० गिर्दाब] पानी का भँवर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदाली :
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स्त्री० [फा० गिर्द] लोहारों का एक उपकरण जिससे वे गलाया हुआ लोहा के स्थान पर समेटते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदावर :
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पुं० [फा०] वह अधिकारी जो किसी क्षेत्र में घूम-घूमकर कामों की जाँच या देख-रेख करता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदावरी :
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स्त्री० [फा०] गिरदावर का काम या पद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरदीह :
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क्रि० वि० [फा० गिर्द] आस-पास। इर्द-गिर्द। उदाहरण–नरनाहाँ वर गड्ढ गाह गिरदीह दुअनधर।–चन्दवरदाई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरधर :
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वि० पुं०=गिरिधर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरधारन :
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पुं० दे० ‘गिरिधर’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरधारी :
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पुं० दे० ‘गिरिधर’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरना :
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अ० [सं० गलन] १. किसी उच्च स्तर या स्थल पर स्थित वस्तु का अचानक तीव्र गति से जमीन पर आ पड़ना। जैसे–(क) आकाश से हवाई जहाज या तारा गिरना। (ख) छत पर से लड़के का नीचे गिरना। २. किसी ऊँचे स्थान पर बँधी लगी या लटकती हुई वस्तु का अपने आधार से छूट या टूटकर नीचे के स्थल पर आ पड़ना। जैसे–(क) पेड़ से पत्ता या फल गिरना। (ख) कुएँ में बाल्टी गिराना। ३. जमीन को आधार बनाकर उस पर खड़ी होने, बैठने अथवा चलनेवाली वस्तु का जमीन पर पड़ या लेट जाना। जैसे–(क) दीवार या छत गिरना। (ख) कुरसी या मेज गिरना। (ग) चलती हुई गाडी या दौड़ता हुआ लड़का गिरना। पद–गिरता पड़ता या गिर पड़कर=बहुत कठिनाई या मुश्किल से। गिरा-पड़ा(देखें)। ४. किसी धारा या प्रवाह का नदी या समुद्र में मिलना। जैसे–गंगा नदी कलकत्ते के पास समुद्र में गिरती है। ५. किसी उच्च विभाग,श्रेणी स्थिति आदि में आना। नीचे आना। जैसे–तापमान गिरना, पारा गिरना। ६. लाक्षणिक अर्थ में प्रसम स्तर या मान्य आदेश से किसी चीज का अवनति या घटाव पर होना। जैसे–चरित्र गिरना। ७. कारोबार का कम या ठप्प होना। जैसे–बाजार गिरना। ८. किसी वस्तु के मूल्य में उतार या कमी होना। जैसे–चीजों का भाव गिरना। ९. किसी वस्तु को देखने लेने आदि के लिए बहुत से व्यक्तियों का एक साथ आ पहुँचना। जैसे–रासन की दुकान पर ग्राहकों का आ गिरना। १॰. किसी स्थान पर बहुत अधिक भीड़ जमने पर एक दूसरे को धक्के लगाना। जैसे–आदमी पर आदमी गिरना। ११. किसी ऐसे रोग का होना जिसके विषय में लोगों का विश्वास हो कि उसका वेग ऊपर से नीचे को आता है। जैसे–नजला गिरना, फालिज (लकवा) गिरना। १२. सहसा बहुत अधिक मात्रा में उपस्थित या प्राप्त होना। आ पड़ना। जैसे–(क) सिर पर विपत्ति का पहाड़ गिरना। (ख) दिसावर से आकर बाजार में माल गिरना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरनार :
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पुं० [सं० गिरि+हिं० नार=नगर] गुजरात में स्थित रैवतक नामक एक पर्वत जो जैनियों का तीर्थ हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरनारी, गिरनाली :
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वि० [हिं० गिरनार] गिरनार पर्वत का। गिरनार संबंधी। पुं० गिरनार का निवासी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरफ्त :
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स्त्री० [फा०] १. कोई चीज अच्छी तरह पकड़ने की क्रिया या भाव। पकड़। २. हथियारों का वह अंग जहाँ से वे पकड़े जाते हैं। ३. अपराध दोष, भूल आदि का पता लगाने का खास ढंग या हतकंड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरफ्तार :
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वि० [फ़ा०] १. जो कोई अपराध या दोष करने के कारण अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया हो। २. कष्ट संकट आदि में ग्रस्त या फँसा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरफ्तारी :
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स्त्री० [फा०] १. गिरफ्तार होने की अवस्था, भाव या क्रिया। २. कोई अभियोग लगने या अपराध करने पर उसके विचार के लिए राज्य द्वारा पकड़े जाने की क्रिया अवस्था या भाव। (अरेस्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरबान :
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पुं० [सं० ग्रीवा] गर्दन। गला। पुं०-गरेबान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरबूटी :
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पुं० [सं० गिरि+हिं० बूटी] अंगूर शेफा। (देखें)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरंम :
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वि०=भारी। उदाहरण–तरकस पंच गिरंम तीर प्रति खतँग तीन सय।–चंदवरदाई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरमिट :
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पुं० [अं० गिमलेट-बड़ा वरमा] लकड़ी लोहे आदि में छेद करने का बड़ा बरमा। पुं० [अं० एग्रीमेंट] इकारनामा। संविदा पत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरमिटिया :
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पुं० [हिं० गिरमिट] किसी उपनिवेश में गया हुआ शर्तबंद हिन्दुस्तानी मजदूर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरवर :
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पुं०=गिरिवर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरवान :
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पुं०=गीर्वाण। पुं० [फा० गेरबान] १. कुरते आदि में गले का भाग। २. गरदन। गला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरवाना :
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स० [हिं० गिराना] १. किसी को कोई चीज गिराने में प्रवृत्त करना। २. किसी से तोड़ने फोड़ने या गिराने का काम करवाना। जैसे–मकान या दीवार गिरवाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरवी :
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वि० [फा०] १. (चीज) जो गिरों या रेहन रखी गयी हो। २. रेहन रखे हुए माल के संबंध रखनेवाला। रेहन संबंधी। स्त्री० गिरों। बंधक। रेहन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरवीदार :
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पुं० [फा०] वह व्यक्ति जो दूसरों को रुपए उधार देने के बदले में उनकी वस्तुएँ अपने पास बंधक रखता हो। रेहनदार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरवीनामा :
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पुं० [फा०] वह लेख्य जिसमें गिरों की शर्ते लिखी हों। रेहननामा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरवीपत्र :
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पुं० दे० ‘गिरवीनामा’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरस्त :
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पुं० [सं० गृहस्थ] १. पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुसलमान जुलाहे (कदाचित् गृहस्थ साधुओं के वंशज होने का कारण) २. दे०=गृहस्थ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरस्ती :
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स्त्री०=गृहस्थी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरह :
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स्त्री० [सं० ग्रह से फा०] १. कपड़े डोरी आदि के सिरे को एक दूसरे में फँसाकर बाँधी जानेवाली गाँठ। २. किसी कपड़े धोती आदि के पल्ले में कोई चीज विशेषतः पैसे आदि रखकर तथा लपेटकर लगाई जानेवाली गाँठ जिसे लोग प्रायः कमर में खोंसते थे। पद-गिरहकट ( दे०) ३. खरीता। खीसा। जेब। ४. गाँठ के रूप में उठा हुआ शरीर के दो अंगो का संधि स्थान। जैसे–जाँघ और टाँग के बीच का घुटने पर का जोड़। ५. गज का सोलहवाँ अंश या भाग। ६. कलाबाजी। कलैया। ७. कुश्ती का एक दाँव। पुं० गृह। उदाहरण–गिरह उजाड़ एक सम लेखौ।–कबीर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरहकट :
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पुं० [फा० गिरह=जेब या गाँठ+हिं० काटना] गिरह या गाँठ में बँधा हुआ धन काटनेवाला व्यक्ति। जेबकतरा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरहथ :
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पुं०=गृहस्थ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरहदार :
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वि० [फा० गिरह-जेब या गाँठ] जिसमें गाँठ या गाँठें पड़ी हो। गठीला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरहबाज :
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पुं० [फा०] एक प्रकार का कबूतर जो आकाश में उड़ते समय कलैया खाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरहर :
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वि० [हिं० गिरना+हर (प्रत्यय)] जो शीघ्र ही गिर पड़ने को हो। गिराऊ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरही :
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पुं० [सं० गृहिन्] १. गृहस्थ। २. देव-दर्शन के लिए आया हुआ यात्री। (पंडे और भड्डर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिराँ :
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वि० [फा० गरां] १. जिसका दाम अधिक हो। बहुमूल्य। महँगा। २. भारी। ३. अप्रिय या अरुचिकर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरा :
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स्त्री० [सं०√गृ (शब्द)+क्विप्-टाप्] १. वह शक्ति जिसकी सहायता से मनुष्य बातें करता या बोलता है। वाक् शक्ति। २. उक्त शक्ति की देवी, सरस्वती। ३. सरस्वती नदी। ४. जबान। जीभ। ५. कही या बोली हुई बात। ६. बोली या भाषा। जबान। ७. सुन्दर कविता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरा-पड़ा :
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वि० [हिं० गिरना+पड़ना] १. जमीन पर गिरकर पड़ा हुआ। २. टूटा-फूटा। जीर्ण-शीर्ण। ३. पतित। ४. जिसका कुछ भी महत्व या मूल्य न हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिराज :
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पुं० [अं० गैरेज] मोटरगाड़ी रखने के लिए बना हुआ कमरा या कोठा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिराधव :
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पुं० [सं०] ब्रह्मा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिराधौ :
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पुं० =गिराधव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिराना :
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स० [हिं० गिरना] १. किसी उच्च स्तर या स्थान पर स्थित वस्तु को बलपूर्वक नीचे उतारना या लाना। जैसे–परदा गिराना। २. किसी आधार पर कड़ी वस्तु को आधात आदि पहुँचा कर जमीन पर लाना। जैसे–(क) किसी को चबूतरे या कुर्सी से गिराना। (ख) रेल की लाइन तोड़कर गाड़ी गिराना। ३. किसी वस्तु या रचना को तोड़ फोड़ कर उसका नाश या ध्वंस करना। जैसे–दीवार या मकान गिराना। ४. महत्व मूल्य शक्ति आदि घटाना या कम करना। जैसे–दाम गिराना। ५. धार्मिक, नैतिक आदि दृष्टियों से निम्न स्तर पर लाना। जैसे–अधिकार के पद ने ही उन्हें इतना गिराया है। ६. प्रवाह को ढाल की ओर ले जाना। जैसे–नाली में मोहरी का पानी गिराना। ७. किसी चीज को इस प्रकार हाथ से जोड़ देना कि वह नीचे जा पड़े। जैसे–लोटा या दावात गिराना। ८. किसी पात्र में रखी हुई वस्तु को जमीन पर उँडेलना। जैसे–लोटे में का पानी या दावात में की स्याही गिराना। ९. कोई ऐसा रोग उत्पन्न करना जिसके विषय में लोगों को यह विश्वास हो कि उसका वेग ऊपर से नीचे की ओर जाता या होता है। जैसे–बहुत अधिक मानसिक चिंता नजला गिराती है। १॰. उपस्थित करना। सामने ला रखना। जैसे–मकान बनाने के लिए ईंट या मसाला गिराना। ११. युद्ध या लड़ाई में बुरी तरह से घायल करना या मार डालना। जैसे–चार सिपाहियों को तो अकेले उसी ने गिराया था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरानी :
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स्त्री० [फा०] १. वह स्थिति जिसमें चीजें महँगी हो जाती है। मँहगी। २. अपच आदि के कारण होनेवाला पेट का भारीपन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरापति :
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पुं० [सं० ष० त०] ब्रह्मा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरापतु :
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पुं० [सं० गिरा-पितृ] सरस्वती के पिता। बह्मा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरामी :
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वि०=गरामी (प्रसिद्ध)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिराव :
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पुं० [अ० ग्रेप] तोप का वह गोला जिसमें छोटी छोटी गोलियाँ और छर्रे भी रहते हैं। पुं०=गिरावट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरावट :
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स्त्री० [हिं० गिरना] १. गिरने की अवस्था क्रिया या भाव। २. अधःपात। पतन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरावना :
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स०=गिराना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरास :
|
पु०=ग्रास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरासना :
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स०=ग्रसना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरासी :
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स्त्री० [देश०] गुजरात में रहनेवाली एक उपद्रवी प्राचीन जाति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिराह :
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पुं० [सं० ग्राह] ग्राह या मगर नामक जलजंतु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि :
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पुं० [सं०√गृ+कि] १. पर्वत। पहाड़। २. दशनामी साधुओं के एक वर्ग की उपाधि। जैसे–स्वामी परमानन्द गिरि। ३. संन्यासियों का एक भेद या वर्ग। ४. पारे का एक दोष जो खाने वाले का शरीर जड़ कर देता है। ५. आँख का एक रोग जिसमें ढेंढर या पुतली फट या फूट जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि दुहिता(तृ) :
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स्त्री० [ष० त०] पार्वती। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-कंटक :
|
पुं० [ष० त०] वज्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-कदंब :
|
पुं० [मध्य० स०] एक प्रकार का कदंब (वृक्ष)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-कंदर :
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पुं० पहाड़ की गुफा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-कदली :
|
स्त्री० [मध्य० स०] पहाड़ी केला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-कर्णिका :
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स्त्री० [गिरि-कर्ण, ब० स० कप्, टाप्, इत्व] १. पृथ्वी। २. अपराजिता लता। ३. अपा-मार्ग। चिचड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-कर्णी :
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स्त्री० [गिरि-कर्ण, ब० स० ङीष्] १. अपराजिता या कोयल नाम की लता। २. जवासा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-काण :
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वि० [तृ० त० ] जो गिरि नामक नेत्ररोग के कारण काना हो गया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-कूट :
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पुं० [ष० त०] पहाड़ की चोटी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-जाल :
|
पुं० [ष० त०] पर्वत माला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-दुर्ग :
|
पुं० [सं० कर्म० स०] पहाड़ी किला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-द्वार :
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स्त्री० [ष० त०] पहाड़ की घाटी। दर्रा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-धातु :
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पुं० [ष० त०] गेरू। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-ध्वज :
|
पुं० [ब० स०] इंद्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-नगर :
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पुं० [सं० मध्य० स०] १. गिरनार पर्वत पर बसा हुआ एक नगर जो जैनियों का एक पवित्र तीर्थ है। २. पुराण के अनुसार रैवतक पर्वत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-नंदिनी :
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स्त्री० [ष० त०] १. पार्वती। २. गंगा। ३. पहाड़ से निकली हुई नदी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-नाथ :
|
पुं० [ष० त०] १. महादेव। शिव। २. हिमालय। ३. गोवर्धन पर्वत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-नितंब :
|
पुं० [ष० त०] पहाड़ की ढाल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-पथ :
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पुं० [मध्य० स०] दो पहाड़ों के बीच का मार्ग। घाटी। दर्रा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-पीलु :
|
पुं० [ष० त०] फालसा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-प्रस्थ :
|
पुं० [ष० त०] पहाड़ के ऊपर का चौरस मैदान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-प्रिया :
|
स्त्री० [ब० स०] सुरागाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-बांधव :
|
पुं० [ष० त०] शिव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-मान :
|
पुं० [ब० स०] बहुत बड़ा हाथी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-मृत :
|
स्त्री० [ष० त०] १. पहाड़ी मिट्टी। २. गेरू। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-राज :
|
पुं० [ष० त०] १. बड़ा पर्वत। २. हिमालय। ३. गोवर्धन पर्वत। ४. सुमेरू। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-वर्तिका :
|
स्त्री० [मध्य० स० ] एक प्रकार का पहाड़ी हंस। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-व्रज :
|
पुं० [ब० स०] १. केकय देश की राजधानी। २. जरासंध की राजधानी राजगृह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-शिखर :
|
पुं० [ष० त०] पहाड़ की चोटी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-संभव :
|
पुं० [ब० स०] एक प्रकार का पहाड़ी चूहा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-सार :
|
पुं० [ष० त०] १. लोहा। २. शिलाजीत। ३. राँगा। ४. मैनाक पर्वत। ५. मलय पर्वत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-सुत :
|
पुं० [ष० त०] मैनाक पर्वत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरि-सुता :
|
स्त्री० [ष० त०] पार्वती। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिक :
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वि० [सं० गिरि+कन्] १. गिरि या पर्वत संबंधी। गिरि या पर्वत में होनेवाला। पहाड़ी। पुं० [सं० गिरि√कै (प्रकाशित होना)+क] महादेव। शिव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिका :
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स्त्री० [सं० गिरि+क-टाप्] १. चूहे का मादा। चूही। २. छोटा चूहा। चुहिया। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिचर :
|
पुं० [सं० गिरि√चर् (चलना)+ट] पहाड़ पर रहने या विचरण करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिज :
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वि० [सं० गिरि√जन् (उत्पन्न होना)+ड] पहाड़ पर पहाड़ में या पहाड़ से उत्पन्न होनेवाला। पुं० १. शिलाजीत। २. लोहा। ३. अवरक। अभ्रक। ४. गेरू। ५.एक प्रकार का पहाड़ी महुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिजा :
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स्त्री० [सं० गिरिज-टाप्] १. हिमालय की पुत्री, पार्वती। गौरी। २. गंगा। ३. पहाड़ी केला। ४. चमेली। ५. चकोतरा। पुं०=गिरिजा (ईसाइयों का प्रार्थना मंदिर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिजा-कुमार :
|
पुं० [ष० त०] कार्तिकेय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिजा-पति :
|
पुं० [ष० त०] महादेव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिजा-बीज :
|
पुं० [ष० त०] गंधक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिजा-मल :
|
पुं० [ष० त०] अभ्रक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिज्वर :
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पुं० [सं० गिरि√ज्वर् (रुग्ण होना)+णिच्+अच्] वज्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरित्र :
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पुं० [सं० गिरि√त्रै (रक्षा करना)+क] १. महादेव। शिव। २. समुद्र। सागर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिधर :
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पुं० [ष० त०] गिरि अर्थात् गोवर्धन पर्वत को धारण करनेवाले, श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिधरन :
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पुं० =गिरिधर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिधारन :
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पुं०=गिरिधर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिधारी(रिन्) :
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पुं० [सं० गिरि√धृ (धारण करना)+णिनि] श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिपुष्पक :
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पुं० [गिरि-पुष्प, ष० त० गिरिपुष्प√कै (चमकना)+की] १. पथरफोड़ नाम का पौधा। २. शिलाजीत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गिरिभिद् :
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पुं० [सं० गिरि√भिद् (फाड़ना)+क्विप्] पाषाण भेद। वि० पहाड़ों को फोड़नेवाला (नद, नदी, झरना आदि)। |
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गिरिमल्लिका :
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स्त्री० [गिरि-मल्लि, स० त० +कन्-टाप्] कुटज। कोरैया। |
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गिरिश :
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पुं० [सं० गिरि√शी (सोना)+ड] महादेव। शिव। |
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गिरिशाल :
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पुं० [सं० गिरि√शल् (गति)+अण्] एक प्रकार का बाज पक्षी। |
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गिरिशालिनी :
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स्त्री० [सं० गिरि√शल्+णिनि-ङीष्] अपराजिता लता। |
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गिरी :
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स्त्री० [हिं० गरी] कुछ विशिष्ट फलों के बीजों के अंदर का मुलायम गूदा जिसकी गिनती सूखे मेवों में होती है। जैसे–खरबूजे के बीजों या बादाम की गिरी। पुं०-गिरि। |
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गिरीद्र :
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पुं० [गिरि-इंद्र,ष० त०] १. बहुत बड़ा पर्वत या पहाड़। २. हिमालय। ३. शिव। ४. आठ बड़े पर्वतों के आधार पर ८ की संख्या। |
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गिरीश :
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पुं० [गिरि-ईश, ष० त०] १. बहुत बड़ा पर्वत या पर्वतों का राजा। २. हिमालय पर्वत। ३. सुमेरू पर्वत। ४. कैलास पर्वत। ५. गोवर्धन पर्वत। ६. महादेव। शिव। |
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गिरेबान :
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पुं० =गरेबान। |
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गिरेवा :
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पुं० [सं० गिरि] १. छोटी पहाड़ी। टीला। २. पहाड़ या पहाड़ी पर की ऊँची चढ़ाई। |
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गिरेश :
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पुं० [सं० गिरा-ईश, ष० त०] १. ब्रह्मा। २. विष्णु। |
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गिरैया :
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स्त्री० [हिं० गेरना-डालना] बैलों आदि के गले में बाँधी जानेवाली रस्सी। गेराँव। पगहा। उदाहरण–तिय जानि गिरैयाँ गही बनमाल सुऐंच लला इँच्यो छावत है।–पद्माकर। |
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गिरैया :
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वि० [हिं० गिराना+ऐया (प्रत्यय)] १. गिरानेवाला। २. गिरनेवाला। ३. पतनोन्मुख।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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गिरों :
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पुं० [फा०] १. कोई चीज किसी के पास जमानत के रूप में रखकर उससे रुपया उधार लेना। रेहन। २. दूसरे की कोई चीज जमानत में रखकर उसके बदले में रुपये उधार देना। रेहन। पद–गिरों गट्ठा-दूसरों की चीजें अपने पास रेहन रखने का व्यवसाय। वि० (वस्तु) जो रेहन रखी गई हो। |
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गिरोवर :
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पुं० [सं० गिरिवर] पर्वत। |
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गिर् :
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स्त्री० [सं०√गृ(शब्द)+क्विप्] दे० ‘गिरा’। |
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गिर्गिट :
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पुं०=गिरगिट। |
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गिर्जा :
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पुं० दे० गिरजा। स्त्री० ‘गिरिजा’। |
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गिर्जाघर :
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पुं० दे० ‘गिरजा’। |
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गिर्द :
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अव्य० [फा०] १. आस-पास। २. चारों ओर। पद-इर्द-गिर्द (देखें)। पुं० किसी चीज की गोलाई या उसकी नाप। घेरा। |
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गिर्दागिर्द :
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अव्य० [अव्य०] १. आस-पास। इर्द-गिर्द। २. चारों ओर। |
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गिर्दाब :
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पुं० [फा०] भँवर। |
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गिर्दावर :
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वि० [फा०] चारों ओर घूमनेवाला। पुं० १. वह अधिकारी जो चारों ओर घूमघूमकर कामों और कर्मचारियों का निरीक्षण करता हो। २. मालविभाग का एक अधिकारी जो पटवारियों के कामों की जाँच करता हैं। |
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