शब्द का अर्थ
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					गिला					 :
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					पुं० [फा०] १. उपालंभ। उलाहना। २. निंदा। शिकायत।				 | 
			
			
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					गिलाई					 :
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					स्त्री०=गिलहरी।				 | 
			
			
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					गिलाजत					 :
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					स्त्री० [अ० गलीज का भाव०] १. गलीज या गंदे होने की अवस्था या भाव। गंदगी। २. गंदी और बुरी चीज। ३. मल। गुह।				 | 
			
			
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					गिलान					 :
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					स्त्री० [हिं० गीला] गीलापन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री०=ग्लानि। उदाहरण–लखि दरिद्र विद्वान को जग-जन करै गिलान।–दीन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गिलाफ					 :
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					पुं० [अ० ] १. कपड़े की वह बडी थैली जो तकिये लिहाफ आदि के ऊपर उनकी रक्षा के लिए चढ़ाई जाती है। खोल। २. तलवार आदि की म्यान। कोष। पुं० लिहाफ के स्थान पर भूल से प्रयुक्त होनेवाला शब्द।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गिलाय					 :
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					स्त्री०=गिलहरी।				 | 
			
			
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					गिलायु					 :
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					पुं० [सं० गिल+क्यङ+उ] एक रोग जिसमें गले के अंदर गाँठे बँध जाती है। इसमें बहुत पीड़ा होती है।				 | 
			
			
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					गिलावा					 :
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					पुं० [फा० गिल=मिट्टी+आब=पानी] मिट्टी और पानी का बना हुआ वह गाढ़ा घोल जिससे राज मजदूर दीवारों की चुनाई करते है। गारा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					गिलास					 :
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					पुं० [अं० ग्लास] १. पीतल, लोहे, शीशे आदि का बना हुआ पानी पीने का एक प्रसिद्ध लंबोतरा छोटा बरतन। २. किसी वस्तु की उतनी मात्रा जितनी उक्त पात्र में समाती हो। जैसे–मैंने तीन गिलास पानी पीया। ३. आलू-बालू या ओलची नाम का पेड़ जिसका फल बहुत मुलायम और स्वादिष्ट होता है।				 | 
			
			
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