शब्द का अर्थ
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					गुच					 :
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					पुं० [हिं० गोछ] एक प्रकार की भेड़। (पंजाब)।				 | 
			
			
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					गुची					 :
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					स्त्री० [सं० गुच्छ] सौपानों की गड्डी। आधी ढोली।				 | 
			
			
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					गुच्ची					 :
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					स्त्री० [अनु०] १. जमीन में खोदा हुआ वह छोटा लंबोतर गड्ढा जो लड़के गुल्ली-डंडा आदि खेलने के लिए बनाते है। २. जमीन में खोदा हुआ कोई छोटा गड्ढा। वि० बहुत छोटा। जैसे–गुच्ची सी आँख।				 | 
			
			
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					गुच्चीपाला					 :
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					पुं० [हिं० गुच्ची-गड्ढा+पाला=सीमा] एक खेल जिसमें लड़के एक छोटा सा गड्ढा बनाकर उसमें कुछ दूर से कौड़ियाँ फेंकतें हैं।				 | 
			
			
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					गुच्छ					 :
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					पुं० [सं०√गु (शब्द करना)+क्विप्, गुत्=शो (सूक्ष्म करना)+क] १. गुच्छा। २. ऐसा झाड़ या पौधा जिसमें मोटा तना न हो, केवल पतली टहनियाँ और पत्तियाँ हों। झाड़ी। ३. बत्तीस लड़ो का हार। ४. मोतियों की माला। ५. मोर की पूँछ। ६. घास का पूला।				 | 
			
			
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					गुच्छ-पत्र					 :
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					पुं० [ब० स०] ताड़ का पेड़।				 | 
			
			
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					गुच्छ-पुष्प					 :
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					पुं० [ब० स०] १. अशोक वृक्ष। २. छतिवन। ३. रीठा। ४. धव। धातकी।				 | 
			
			
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					गुच्छ-फल					 :
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					पुं० [ब० स०] १. रीठा। २. निर्मली। ३. दमनक। दीना। ४. अंगूर। ५. केला। ६. मकोय।				 | 
			
			
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					गुच्छक					 :
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					पुं० [सं० गुच्छ+कन्]=गुच्छ।				 | 
			
			
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					गुच्छल					 :
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					पुं० [सं० गुच्छ√अल्(पर्याप्ति)+अच्,पररूप] एक प्रकार की घास।				 | 
			
			
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					गुच्छा					 :
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					पुं० [सं० गच्छ] १. एक ही प्रकार की बहुत सी वस्तुओँ का ऐसा समूह जो एक साथ उगा, उपजा या बना हो। जैसे–अंगूरों का गुच्छा। २. एक साथ इकट्ठी की हुई एक प्रकार की वस्तुओं का समूह। जैसे–तालियों का गुच्छा। ३. तारों, बालों आदि की उक्त प्रकार की रचना का रूप। झब्बा। फुँदना।				 | 
			
			
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					गुच्छातारा					 :
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					पुं० [हं० गुच्छा+तारा] कचपचिया नाम का तारा-पुंज।				 | 
			
			
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					गुच्छार्द्ध					 :
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					पुं० [गुच्छ-अर्द्ध,ष० त०] वह हार जिसमें सोलह अथवा चौबीस लड़ होते हैं।				 | 
			
			
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					गुच्छार्ध					 :
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					पुं० =गुच्छार्द्ध।				 | 
			
			
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					गुच्छी					 :
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					स्त्री० [सं० गुच्छ] १. करज। कंजा। २. रीठा। ३. खुभी की जाति की एक वनस्पति जो कश्मीर और पंजाब में होती है। और जिसके बीज कोषों के गुच्छों की तरकारी बनती हैं।				 | 
			
			
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					गुच्छेदार					 :
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					वि० [हिं० गुच्छा+फा० दार (प्रत्यय)] १. जो गुच्छे या गुच्छों के रूप में हो। २. जिसमें गुच्छा या गुच्छे लगें हों।				 | 
			
			
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