शब्द का अर्थ
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घाल :
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पुं० [हिं० घालना=डालना] १. किसी चीज का वह थोड़ा सा अंश जो सौदा बिक चुकने पर उचित गिनती या तौल के अतिरिक्त अन्त में ग्राहक के माँगने पर दुकानदार उसे प्रसन्न रखने के लिए देता है। घलुआ। २. उक्त के आधार पर बहुत ही तुच्छ या हेय पदार्थ। मुहावरा–घाल न गिनना=कुछ भी न समझना। तुच्छ समझना। उदाहरण–सरग न घालि गनै बैरागा।–जायसी। ३ आघात। प्रहार. उदाहरण–को न गएउ एहि रिसि कर घाला।–जायसी। क्रि.वि.बे-फायदा। व्यर्थ। स्त्री० घालने की क्रिया या भाव। उदाहरण–तिसकी घाल अजोई जाए।–कबीर। |
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समानार्थी शब्द-
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घाल-मेल :
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पुं० [हिं० घालना+मेलना] १. विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की ऐसी मिलावट अथवा विभिन्न बातों का ऐसा सम्मिश्रण जो देखने अथवा सुनने में भला प्रतीत न होता है। २. अनुचित संबंध । ३. मेल-जोल। |
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समानार्थी शब्द-
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घालक :
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वि० [हिं० घालना] [स्त्री० घालिका] १. मारने या वध करने वाला। २. नाशक। ३. बहुत अधिक अपकार या हानि करनेवाला। |
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घालकता :
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स्त्री० [घालक+ता(प्रत्यय)] घालक होने की अवस्था,गुण या भाव. |
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घालना :
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स० [प्रा० अप० घल्ल,मरा.घालगें] १. कोई चीज किसी के अंदर डालना या रखना। उदाहरण–को अस हाथ सिंह मुख घालै।–जायसी। २. कोई चीज किसी दूसरी चीज पर बैठाना,रखना या लगाना। उदाहरण–(क) राजकुँवरि घाली वर-माल।–नरपति नाल्ह। (ख) घालि कचपची टीका सजा।–जायसी। ३. (अस्त्र या शस्त्र किसी पर) चलाना,छोड़ना या फेंकना। ४. कोई कार्य संपन्न या संपादित करना। ५. बुरी तरह से चौपट या नष्ट करना। बिगाड़ना। जैसे–किसी का घर घालना। ६. वध या हत्या करना। मार डालना। |
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