शब्द का अर्थ
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घुटना :
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पुं० [सं० घुंटक, दे० प्रा० गोड्डक, प्रा० गोड्ड, गोड, बं० गोर, उ० गोरो, पं० गोड्डा, सिं० गोडो, मरा० घुडगा, गुडगा] १. पैर के बीच का वह जोड़ जिसके ऊपर जाँघ और नीचे टाँग होती है। मुहावरा–घुटना टेकना=सुस्ताने के लिए घुटनों के बल बैठना। (किसी के आगे) घुटना या घुटने टेकना=अपनी अधीनता या पराजय मानकर किसी के आगे सिर झुकाना। घुटनों (के बल) चलना=हाथों और घुटनों के बल उस प्रकार धीरे-धीरे खिसकते हुए चलना जिस प्रकार छोटे बच्चें चलते हैं। घुटनों में सिर देना= (क) सिर नीचा किये चिंतित या उदास होकर बैठना। (ख) लज्जित होना। सिर नीचा करना। (किसी के) घुटनों से लगकर बैठना=सदा पास और लगकर बैठे रहना। २. उक्त गाँठ के आस-पास का स्थान। अ० [हिं० घोटना] १. हिं० ‘घोटना’ क्रिया का अ० रूप। घोटा जाना। २. गले में साँस का रुकना। जैसे–धूएँ या धूल से दम घुटना। ३. बहुत अधिक मानसिक कष्ट या वेदना के कारण जीवन बिताना कठिन होना। मुहावरा– घुट-घुटकर मरना=बहुत अधिक मानसिक या शारीरिक कष्ट भोगते हुए और कठिनता से मरना। ४. किसी चीज का बहुत कस या जकड़कर अटकना, फँसना या बंद होना। जैसे–डोरी या रस्सी की गाँठ घुटना। उदाहरण–आन गाँठ घुटि जाय त्यौ, मान गाँठ छुटि जाय।–बिहारी। ५. अच्छी तरह पीसा या मिलाया जाना। खूब पिसना या मिलना। जैसे–(क) भंग घुटना। (ख) उबलने के बाद अच्छी तरह गलकर दाल का घुटना। पद-घुटा हुआ=बहुत ही अनुभवी या चालाक। (आदमी।) ६. घिसे जाने पर चिकना होना। ७. आपस में बहुत ही घनिष्ठ संबंध होना। जैसे–आज-कल उन दोनों में खूब घुटती हैं। ८. आपस में गुप्त अथवा घनिष्ठतापूर्वक बातें होना। जैसे–जब मैं वहाँ पहुँचा, तब उन दोनों में खूब घुट रही थी। ९. बार-बार करते रहने से किसी काम या बात का पूरा अभ्यास होना। हाथ बैठना। जैसे–लिखने के समय बच्चों की पट्टी घुटना। १॰ उस्तरे से बालों का अच्छी तरह मूँड़ा जाना। जैसे–दाढ़ी घुटना। स० जकड़ने, बाँधने आदि के लिए अच्छी तरह कसना। बंधन कड़ा करना। जैसे–घुटकर बाँधना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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