शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					चंद्रा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० चंद्र+टाप्] १. छोटी इलायची। २. चँदोआ। ३. गुडूची। गुरुच। स्त्री० [सं० चंद्र] मरने के समय से कुछ पहले की वह अवस्था जिसमें आँखों की टकटकी बँध जाती है, गला कफ से रूँद जाता है और बोला नहीं जाता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रांकित					 :
				 | 
				
					पुं० [चंद्रअंकित, तृ० त०] महादेव। शिव। वि० चंद्रमा की आकृति से अंकित या युक्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रातप					 :
				 | 
				
					पुं० [चंद्र-आतप, ष० त० ] १. चाँदनी। चंद्रिका। २. [चंद्रआ√तप्+अच्] चँदवा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रात्मज					 :
				 | 
				
					पुं० [चंद्र-आत्मज, ष० त०] बुध ग्रह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रानन					 :
				 | 
				
					वि०[चंद्र-आनन, ब० स०] [स्त्री० चंद्रानना]=चंद्रवदन। पुं०=कार्तिकेय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रापीड़					 :
				 | 
				
					पुं[चंद्र-आपीड़ ,ब० स०] १.शिव। महादेव। २. कश्मीर का एक प्रसिद्ध धर्मात्मा राजा जो प्रतापादित्य का बड़ा पुत्र था और जो शकाब्द ६॰४ में सिहांसन पर बैठा था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रायण					 :
				 | 
				
					पुं०=चांद्रायण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रायतन					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त० ] चंद्रशाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रार्क					 :
				 | 
				
					पुं० [चंद्र-अर्क,द्व० स०] १. चंद्रमा और सूर्य। २. चाँदी, ताँबे आदि के योग से बनी हुई एक मिश्र धातु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रार्द्ध					 :
				 | 
				
					पुं० [चंद्र-अर्द्ध,ष० त०] चंद्रमा का आधा भाग जो प्रायः द्वितीया के दिन दिखाई देनेवाले रूप का होता है। अर्धचंद्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रार्द्ध-चूड़ामणि					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] महादेव। शिव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रालोक					 :
				 | 
				
					पुं० [चंद्र-आलोक, ष० त०] १. चंद्रमा का प्रकाश। चाँदनी। चंद्रिका। २. कविवर जयदेव कृत संस्कृत का एक प्रसिद्ध अलंकार-ग्रंथ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रावती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [चंद्र-आवर्त, ब० स० टाप्] एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक पद में ४ नगण पर एक सगण होता है और ८,७ पर विराम। विराम न होने पर “शशिकला” (मणिगुणशरभ) वृत्त होता है। इसका दूसरा नाम ‘मणिगुणनिकर’ है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्रावली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [चंद्र-आवली, ष० त०] कृष्ण की सखी एक गोपी जो चंद्रभानु की कन्या थी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंद्राशु					 :
				 | 
				
					पुं० [चंद्र-अंशु,ष० त० ] १. चंद्रमा की किरण। २. [ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |