शब्द का अर्थ
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चकोर :
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पुं० [सं०√चक् (तृप्त होना)+ओरन्] [स्त्री० चकोरी] १. एक प्रकार का बड़ा तीतर जो नैपाल, पंजाब और अफगानिस्तान के पहाड़ी जंगलों में मिलता है। २. एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः सात भगण, एक गुरु और अंत में एक लघु होता है। यह एक प्रकार का सवैया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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