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चूसना  : स० [सं० चूषण] १. किसी वस्तु विशेषतः किसी फल को मुँह और होठों से लगाकर उसका रस अन्दर खींचना। जैसे–आम चूसना, अँगूठा चूसना। २. किसी वस्तु को मुँह में डालकर तथा उसे दांतों से दबाकर उसमें से निकलनेवाला रस पीना। जैसे–गडेरी चूसना। ३. किसी वस्तु को मुँह में रखकर तथा जीभ से चाटते हुए उसका रस लेना। जैसे–दवा की गोली मुँह में रखकर चूसना। ४. बच्चे का माता के स्तन का दूध पीना। ५. किसी आर्द्र अथवा गीली वस्तु में की आर्द्रता सोख लेना जैसे–सोखते ने सारी स्याही सोख ली है। ६. बलपूर्वक अथवा अनुचित रूप से, किसी का सत्व या सर्वस्व छीन, निकाल या हड़प लेना। जैसे–इसे खुशामदियों ने चूस डाला है। मुहावरा–(किसी को) चूस डालना या लेना=किसी का धन खा-पका या हड़पकर उसे कंगाल या निर्धन कर देना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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