शब्द का अर्थ
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					चैल					 :
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					पुं० [सं० चेल+अण्] १. कपड़ा। वस्त्र। २. पहनने का कपड़ा। पोशाक।				 | 
			
			
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					चैलक					 :
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					पुं० [सं० चैल+कन्] एक प्राचीन वर्ण संकर जाति जो शुद्र पिता और क्षत्रिया माता से उत्पन्न मानी जाती है।				 | 
			
			
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					चैला					 :
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					पुं० [चीरना-छीलना] कुल्हाड़ी से चोरी की हुई लकड़ी का बड़ा टुकड़ा जो जलाने के काम में आता है।				 | 
			
			
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					चैलाशक					 :
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					पुं० [सं० चैल-आशक, ष० त० ] कपड़ों में लगने वाले कीड़ों को खानेवाला एक छोटा कीड़ा।				 | 
			
			
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					चैलिक					 :
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					पुं० [सं० चैल+ठक्-इक] कपड़े का टुकड़ा।				 | 
			
			
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					चैली					 :
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					स्त्री० [हिं० चैला का स्त्री अल्पा रूप] १ रँदने पर निकलने वाले लकड़ी के पतले-पतले टुकड़े जो जलाने के काम आते हैं। २. गरमी के कारण नाक से निकलनेवाला जमे हुए खून का थक्का।				 | 
			
			
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					चैलेज					 :
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					पुं० [अं०] लड़ाई-भिड़ाई, संघर्ष आदि के लिए ललकारने की क्रिया या भाव। ललकार।				 | 
			
			
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