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शब्द का अर्थ

चोखा  : वि० [सं० चोक्ष, पा० प्रा० चोख, मरा० गु० ष० चोख, आ० ड० पं० चोखा] १. तेज या पैनी धारवाला। जैसे–चोखा, चाकू। २. जिसमें किसी प्रकार का खोट या मिलावट न हो। जैसे–चोखा घी चोखा सोना। ३. व्यवहार आदि में खरा और साफ। जैसे–चोखा असामी। ४. औरों की तुलना में बहुत अच्छा या बढ़कर। जैसे–इस मामले में तो तुम्हीं सब से चोखे रहे। ५. सब प्रकार से अच्छा और ठीक। उदाहरण–चला बिमान तहाँ ते चोखा।–तुलसी। ६. मात्रा, मान आदि में अधिक। पुं० [?] १. एक प्रकार का चटपटा व्यंजन या सालन जो आलू या बैगन को उबाल या भूनकर बनाया जाता है। भरता। भुरता। २. पकाया हुआ चावल। भात (राज०)।
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चोखाई  : स्त्री० [हिं० चोखना] चोखने या चोखाने की क्रिया, भाव या पारिश्रमिक। चुसाई। स्त्री० चोखापन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चोखाना  : स० [हिं० चोखना] १. बछड़ों आदि को चीखने अर्थात् स्तन-पान करने में प्रवृत्त करना। २. स्तन-पान कराना। ३. दूध दुहना। ४. धार चोखी या तेज करना। जैसे–चाकू चोखना। अ० १.चोखा अर्थात् स्तन-पान किया जाना। २. दूहा जाना। ३. धार या चोखा या तेज किया जाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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