शब्द का अर्थ
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					जगती					 :
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					स्त्री० [सं०√गम्+अति-ङीष्] १. जगत्। २. पृथ्वी। ३. जीवन। ४. एक वैदिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में बारह अक्षर होते हैं। ५. बारह अक्षरों के छंदों की संज्ञा।				 | 
			
			
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					जगती-चर					 :
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					वि० [जगती√ चर् (चलना)+ट] जगत् में विचरण करनेवाला। पुं० मनुष्य।				 | 
			
			
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					जगती-जानि					 :
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					पुं० [जगती-जाया, ब० स० नि० आदेश] राजा।				 | 
			
			
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					जगती-तल					 :
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					पुं० [ष० त०] १. धरती। पृथ्वी। २. संसार।				 | 
			
			
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					जगती-धर					 :
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					पुं० [ष० त०] पर्वत।				 | 
			
			
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					जगती-पति					 :
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					पुं० [ष० त०] राजा।				 | 
			
			
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					जगती-भर्त्ता(र्तृ)					 :
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					पुं० [ष० त०] राजा।				 | 
			
			
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					जगती-रुह					 :
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					पुं० [सं० जगती√ रुह् (उगना)+क] वृक्ष।				 | 
			
			
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