शब्द का अर्थ
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					जट					 :
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					पुं० [?] एक प्रकार का गोदना जो झाड़ के आकार का होता है। पुं० [हिं० जाट] १. पंजाब में खेती-बारी करनेवाली एक जाति २. कृषक। किसान।				 | 
			
			
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					जटना					 :
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					स० [सं० जटन या हिं० जाट] धोखा देकर किसी की कोई चीज ले लेना। ठगना। स०=जड़ना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					जटल					 :
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					स्त्री० [सं० जटिल] व्यर्थ और झूठ-मूठ की बात। गप। बकवास। मुहावरा–जटल काफिये उड़ाना या मलाना=बेसिर-पैर की और व्यर्थ की बातें करना।				 | 
			
			
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					जटा					 :
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					स्त्री० [√जट् (परस्पर संलग्न होना)+अच्-अन] १.सिर के लंबे तथा आपस में गुथे और लिपटे हुए बालों की ऐसी लट जो कभी चिकनाई या सुलझाई न गई हो। जैसे–ऋषि मुनियों या साधुओं की जटा। २. बालों जैसी किसी वस्तु का चिपका हुआ रूप। जैसे–नारियल की जटा। ३. पेड़-पौधों की जड़ों के आपस में गुथे हुए पतले-पतले रेशों या सूतों का समूह। झकरा। ४. जटामासी। ५. जूट। पाट। ६. केवाँच। ७. वेद-पाठ का एक प्रकार जिसमें मंत्र के दो या तीन पदों को क्रमानुसार पूर्व और उत्तरपद पहले पृथक् पृथक् और फिर मिलाकर दो बार पढ़े जाते हैं। ८. शतावर। ९. बालछड़।				 | 
			
			
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					जटा-चीर					 :
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					पुं० [ब० स०] शिव।				 | 
			
			
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					जटा-जूट					 :
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					पुं० [ष० त०] जटा को लपेटकर बनाया जानेवाला जूड़ा।				 | 
			
			
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					जटा-ज्वाल					 :
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					पुं० [ब० स०] दीया।				 | 
			
			
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					जटा-टंक					 :
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					पुं० [ब० स०] शिव।				 | 
			
			
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					जटा-धर					 :
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					वि० [ष० त०]=जटाधारी।				 | 
			
			
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					जटा-धारी(रिन्)					 :
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					वि० [सं० जटा√ धृ (रखना)+णिनि] जिसके सिर पर जटा हो। पुं० १. शिव। २. ऐसा साधु जिसके सिर पर जटा हो। ३. मरसे की जाति का एक पौधा।				 | 
			
			
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					जटा-पटल					 :
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					पुं० [ब० स०] वेदपाठ का एक जटिल क्रम।				 | 
			
			
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					जटा-माली(लिन्)					 :
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					पुं० [जटा-माला, ष० त०+इनि] शिव।				 | 
			
			
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					जटा-वल्ली					 :
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					स्त्री० [उपमि० स०] १. रुद्र जटा। शंकर जटा। २. गंधमासी नाम की वनस्पति।				 | 
			
			
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					जटाटीर					 :
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					पुं० [सं० जटा√अट् (प्राप्त होना)+ईरन्] शिव।				 | 
			
			
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					जटाना					 :
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					अ० [हिं० जटना] धोखे में आकर ठगा जाना।				 | 
			
			
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					जटामांसी					 :
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					स्त्री० [जटा√मन् (जानना)+स, दीर्घ, ङीष्] औषध के काम आनेवाली एक प्रकार की सुंगधित वनस्पति। बालछड़।				 | 
			
			
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					जटामासी					 :
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					स्त्री०=जटा-मांसी।				 | 
			
			
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					जटायु					 :
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					पुं० [सं० जटा√या (गति)+कु] एक प्रसिद्ध गिद्ध जिसने सीता को हरण करके ले जाते हुए रावण से युद्ध किया था और उसी के हाथों मारा गया था। यह सूर्य के सारथी अरुण का पुत्र था जो उसकी श्येनी नामक पत्नी के गर्भ से उत्पन्न हुआ था।				 | 
			
			
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					जटाल					 :
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					वि० [सं० जटा+लच्] जटा से युक्त। २. कचूर। ३. मुष्कक। मोरवा। ४. गुग्गुल।				 | 
			
			
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					जटाला					 :
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					स्त्री० [सं० जटाल+टाप्] जटामांसी।				 | 
			
			
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					जटाव					 :
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					स्त्री० [देश०] कुम्हारों की बोली में वह मिट्टी जिससे वे बरतन आदि बनाते हैं। पुं० [हिं० जटना] जटने या जटे जाने अर्थात् ठगने या ठगे जाने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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					जटावती					 :
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					स्त्री० [सं० जटा+मतुप्, वत्व, ङीप्] जटामांसी।				 | 
			
			
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					जटासुर					 :
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					पुं० [जटा-असुर, मध्य० स०] १. एक प्रसिद्ध राक्षस जिसका वध भीम ने उस समय किया था जब वह ब्राह्मण वेश धारण करके द्रौपदी को हर कर ले जा रहा था। २. एक प्राचीन देश।				 | 
			
			
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					जटित					 :
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					भू० कृ० [सं०√जट् (जुड़ना)+क्त+इतच्] जड़ा हुआ। जैसे–रत्नजटित मुकुट या सिंहासन।				 | 
			
			
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					जटियल					 :
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					वि० [सं० जटिल] निकम्मा। रद्दी।				 | 
			
			
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					जटिल					 :
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					वि० [सं० जटा+इलच्] १. जटावाला। जटाधारी। २. (व्यक्ति) जिसके सिर पर जटा हो। ३. (कार्य) जो इतना अधिक उलझा हुआ हो कि सरलता से संपन्न न किया जा सके। ४. (बात) जो इतनी पेचीली हो कि जल्दी समझ में न आ सके। ५. क्रूर। पुं० १. शिव। २. जटामांसी। ३. ब्रह्मचारी। ४. सिंह।				 | 
			
			
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					जटिलक					 :
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					पुं० [सं० जटिल+कन्] १. एक प्राचीन ऋषि का नाम। २. उक्त ऋषि के वंशज।				 | 
			
			
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					जटिलता					 :
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					स्त्री० [सं० जटिल+तल्-टाप्] जटिल होने की अवस्था, गुण या भाव।				 | 
			
			
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					जटिला					 :
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					स्त्री० [सं० जटिल+टाप्] १. ब्रह्मचारिणी। २. जटामांसी। ३. पिप्पली। पीपल। ४. बचा। बच। ५. दोना। ६. एक ऋषि कन्या जिसका विवाह सात ऋषि पुत्रों से हुआ था। (महाभारत)।				 | 
			
			
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					जटी(टिन्)					 :
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					वि० [सं० जटा+इनि] जटाधारी। पुं० १. शिव। २. बरगद। स्त्री० [√ जट्√इन-ङीष्]=जटामांसी। जटुल				 | 
			
			
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					जट्टा					 :
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					पुं० [हिं० जाट] एक प्रसिद्ध खेतिहर जाति। उदाहरण–ब्रज के गूजर जट्टा।–भगवत रसिक।				 | 
			
			
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