शब्द का अर्थ
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					जमीन					 :
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					स्त्री० [फा०] १. सौर जगत् का वह उपग्रह जिसमें हम लोग रहते हैं। पृथ्वी। २. उक्त उपग्रह का ठोस तल (समुद्र से भिन्न) धरातल। पद–जमीन आसमान का फरक=बहुत बड़ा तथा स्पष्ट अंतर या भेद। जमीन का गज-व्यक्ति जो सदा इधर-उधर घूमता फिरता रहता हो। मुहावरा–जमीन आसमान एक करना=किसी काम के लिए बहुत अधिक प्रयत्न करना। जमीन आसमान के कुलाबे मिलाना=(क) सेखी बघारना। लंबी-चौड़ी हाँकना। डींग मारना। (ख) तोड़-जोड़ मिलाना। चालाकी करना। जमीन पर पैरों तले से निकल या सरक जाना=ऐसी स्थिति उत्पन्न होना कि होश-हवाश ठिकाने न रहे। जमीन चूमने लगना=जमीन पर पट गिरना। (किसी की) जमीन दिखाना=जमीन पर गिराना या पटकना। बुरी तरह से पराजित या परास्त करना। जमीन पर पैर न रखना=अकड़कर अथवा बड़प्पन दिखाते हुए कोई काम करना। ऐठ या शेखी दिखलाना। जमीन पर पैर न पड़ना=बहुत अभिमान होना। ३. उक्त के आधार पर ठोस, तल अर्थात् धरातल का कोई अंश या भाग। जैसे–ऊँची या नीची जमीन। मुहावरा–जमीन पकड़ना=किसी स्थान पर जमकर बैठना। ४. वह आधार या सतह जिस पर बेल-बूटे आदि कढ़े, छपे या बने हुए हों। जैसे–इस धोती की जमीन और सफेद धारियाँ पीली है। ५. वह सामग्री जिसका उपयोग किसी द्रव्य के प्रस्तुत करने में आधार रूप से किया जाय। जैसे–अतर खींचने में चंदन की जमीन फुलेल में मिट्टी के तेल की जमीन। ६. चित्र बनाने के लिए मसाले से तैयार की हुई सतह या तल। आधार पृष्ठ। मुहावरा–जमीन बाँधना=अस्तर या मसाला लगाकर चित्र आदि बनाने के लिए सतह तैयार करना। ७. किसी कार्य के लिए पहले से निश्चित की हुई प्रणाली। उपक्रम। आयोजन। मुहावरा–जमीन बाँधना=कोई काम करने से पहले उसकी प्रणाली निश्चित करना।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					जमीनी					 :
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					वि० [फा०] जमीन-संबधी। जमीन का।				 | 
			 
			
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