शब्द का अर्थ
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					जुटना					 :
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					अ० [सं० युक्त, प्रा० जुत्त+ना (प्रत्यय)] १. एक चीज का दूसरी चीज के बिलकुल पास पहुँचकर उससे लगना या सटना। जुड़ना। जैसे–इमारत में पत्थर के पास पत्थर जुटना। २. इस प्रकार पास या समीप होना कि बीच में बहुत ही थोड़ा अवकाश रह जाय। ३. किसी काम में जी लगाकर योग देना। जैसे–तुम भी आकर जुट जाओ तो काम जल्दी हो जाय। ४. एक या अनेक प्रकार की चीजों, व्यक्तियों आदि का एक जगह इकट्ठा होना। जैसे–(क) धन या पत्थर, लकड़ी आदि जुटना। (ख) तमाशा देखने के लिए भीड़ जुटना। ५. किसी प्रकार प्राप्त या हस्तगत होना। मयस्सर होना। ६. स्त्री का पुरुष से अथवा पुरूष का स्त्री से प्रसंग या संभोग करना। (बाजारू)।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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