शब्द का अर्थ
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झप :
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स्त्री० [सं० झंप या हिं० झपना] एकाएक किसी चीज के ऊँचाई पर से गिर पड़ने की अवस्था या भाव। मुहावरा–(गुड्डी या पतंग का) झप खाना=उड़ती हुई गुड्डी या पतंग का एकाएक पेंदे के बल नीचे गिर पड़ना। क्रि० वि० जल्दी से० झटपट। |
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समानार्थी शब्द-
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झपक :
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स्त्री० [हिं० झपकना] १. झपकने अर्थात् बार-बार पलकें खोलने और बंद करने की क्रिया या भाव। २. एक बार पलक गिरने में लगनेवाला समय। ३. झपकी। |
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समानार्थी शब्द-
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झपकना :
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अ० [सं० झंप] १. पलकें गिरना। २. पलकों का उठना और गिरना या खुलना और बंद होना। ३. झपकी लेना। ऊँघना। स०=झपकाना। अ०=झेंपना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) अ०=झपटना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपका :
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पुं० [अनु०] हवा का झोंका। (लश०)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपकाना :
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स० [अनु०] १. पलकें गिरना २. पलकें उठा तथा गिराकर आँखें खोलना और बंद करना। |
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झपकी :
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स्त्री० [हिं० झपकना] १. झपकने या झपकाने की क्रिया या भाव। २. वह नींद जो पलकें गिरने से आरंभ होती है और कुछ ही क्षणों बाद पलकें खुल जाने के कारण टूट जाती हो। हलकी नीद। क्रि० प्र०–आना।–लगना।–लेना। स्त्री० [अनु०] १. वह कपड़ा जिससे अनाज ओसाते हैं। २. धोखा। |
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झपकौहाँ :
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वि० [हिं० झपना] [स्त्री० झपकौंही] बार बार या रह-रहकर झपकनेवाला या झपकता हुआ। (आलस्य, तंद्रा निद्रा आदि के आगमन का सूचक) जैसे–झपकौंहें नयन, झपकौंही पलकें। |
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झपट :
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स्त्री० [सं० झंप] १. झपटने अर्थात् तेजी से आगे बढ़कर किसी पर आक्रमण करने की क्रिया या भाव। २. दे० ‘झडप’। |
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झपटना :
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अ० [सं० झंप=कूदना] १. वेगपूर्वक किसी की ओर बढ़ना। २. किसी को पकड़ने अथवा किसी के हाथ से कोई चीज छीन लेने के लिए उस पर वेगपूर्वक आक्रमण करना० जैसे–बिल्ली का चूहे पर झपटना। चील का मांस पर झपटना। स० झंपटकर या तेजी से बढ़कर कोई चीज ले लेना। |
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झपटना :
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स० [हिं० झपटने का प्रे० रूप] किसी को झपटने में प्रवृत्त करना। जैसे–कुत्ते को बिल्ली पर झपटाना। |
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झपटान :
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स्त्री०=झपट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपट्ट :
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स्त्री=झपट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपट्टा :
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पुं० [हिं० झपट] १. झपटने की क्रिया या भाव। झपट। २. किसी से कुछ सहसा छीन लेने के लिए उस पर किया जानेवाला आक्रमण। क्रि० प्र०–मारना। पद–चील झपट्टा=चील की तरह किसी पर झपटकर कोई चीज छीन लेने की क्रिया या भाव। |
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झपड़ियाना :
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अ० [हिं० झापड़+इयाना (प्रत्यय)] लगातार कई झापड़ या थप्पड़ लगाना। |
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झपताल :
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पुं० [देश०] संगीत में पाँच मात्राओं का एक ताल। |
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झपना :
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अ० [हिं० झपकना] १. पलक गिरना। २. किसी वस्तु का ऊपर से नीचे की ओर एकाएक आना। जैसे–गुड्डी या पतंग का झपना। अ०=झेंपना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [स्त्री० अल्पा० झपनी] किसी पात्र का ढकना। |
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झपनी :
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स्त्री० [हिं० झाँपना=ढकना] १. वह जिससे कोई चीज ढकी जाय। ढकना। ढक्कन। २. छोटी ढक्कनदार पिटारी। |
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झपलैया :
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स्त्री० [हिं० झँपोला] छोटी टोकरी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपवाना :
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स० [हिं० झपाना का प्रे० रूप] किसी को झपाने अर्थात् पलकें मूँदने में प्रवृत्त करना। |
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झपस :
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स्त्री० [हिं० झपसना] १. झपसने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. मार्ग में बाधक होनेवाले पेड़ की झुकी हुई डाल। (कहार)। |
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झपसट :
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स्त्री० [अनु०] छल। धोखे-बाजी। जैसे–तुम तो अपना काम झपसट में ही निकाल लेते हो।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपसना :
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अ० [हिं० झँपना+ढँकना] पेड़-पौधों लताओं आदि का खूब अच्छी तरह चारों ओर फैलना। |
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झपाका :
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पुं० [हिं० झप] जल्दी। शीघ्रता। क्रि० वि० बहुत जल्दी या तेजी से। चटपट। तुरन्त। |
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झपाट :
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क्रि० वि०=झटपट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपाटा :
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पुं०=झपट्टा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपाना :
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पुं० [हिं० झपना] १. पलकें गिराना या मूँदना झपकाना। २. झुकाना अ०=झेंपना। (लज्जित होना)। स० ऐसा काम करना जिससे कोई झेपें। लज्जित करना। |
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झपाव :
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पुं० [देश०] घास काटने का एक उपकरण। |
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झपित :
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भू० कृ० [हिं० झपना] १. झपा या मुँदा हुआ। २. जो झप या झपक रहा हो। बार-बार बन्द होता हुआ। ३. झेंपा हुआ। लज्जित। |
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झपिया :
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स्त्री० [देश०] १. गलें में पहनने का पुरानी चाल का हँसुली के आकार का एक गहना जिसके बीच में कोई नग जड़ा होता है। २. पिटारी। |
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झपेट :
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स्त्री० [हिं० झपेटना] १. झपेटने की क्रिया या भाव। २. झपेटे जाने की अवस्था या भाव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झपेटना :
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स० [हिं० झपटना] १. सहसा आक्रमण करना। झपटना। २. झपटकर किसी से कुछ छीन अथवा किसी को पकड़ या दबोच लेना। |
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झपेटा :
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पुं० [हिं० झपेटना] १. झपेटे जाने या किसी की झपट में आने की अवस्था, क्रिया या भाव। जैसे–भूत-प्रेत के झपेटे में आना या पड़ना। २. हवा का झोंका। झकोरा। ३. दे० ‘झपट’ ४. दे० ‘झिड़की’। |
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झपोला :
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पुं० [स्त्री० झपोली]=झँपोला (छोटी टोकरी)। |
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झप्पड़ :
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पुं०=झापड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झप्पर :
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पुं०=झापड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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झप्पान :
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पुं०=झँपान (एक प्रकार की पालकी या सवारी)। |
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झप्पानी :
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पुं० [हिं० झप्पान] झप्पान अर्थात् पालकी उठानेवाला आदमी। |
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