शब्द का अर्थ
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					टंकार					 :
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					स्त्री० [सं० टम्√कृ (करना)+अण्] १. धनुष की प्रत्यंचा (डोरी) को तानकर सहसा ढीला छोड़ने पर टन-टन होनेवाला कर्कश ध्वनि। २. धातु-खंड, विशेषतः धातु के कसे या तने हुए तार पर आघात लगने से होनेवाला टन टन शब्द। टनाका। ३. तर्जनी या मध्यमा उँगली का नाखून अँगूठे से दबाकर वह उंगली झटके से छोड़ते हुए इस प्रकार किसी चीज पर आघात करना कि उससे टन का शब्द हो। ४. चिल्लाहट। ५. ख्याति। ६. कुख्याति। ७. आश्चर्य। अचरज।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					टंकारना					 :
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					स० [सं० टंकार] १. धनुष की प्रत्यंचा (डोरी) को तानकर सहसा ढीला छोड़ना जिससे वह टन-टन शब्द करने लगे। २. टन-टन शब्द उत्पन्न करना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					टंकारी(रिन्)					 :
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					वि० [सं० टंकार+इनि] टंकार उत्पन्न करनेवाला। स्त्री० [सं० टंक्√ऋ (गति)+अण्-ङीप्] लंबोतरी पत्तियोंवाला एक प्रकार का वृक्ष जिसमें कई रंगों के फूल लगते हैं और जिसके कुछ रंग औषध के काम आते हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |