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टाल  : पुं० [सं० अट्टाल, हिं० अटाला] १. एक दूसरी पर लादकर रखी हुई बहुत सी चीजों का ऊँचा और बड़ा ढेर। अंबार। अटाला। राशि। जैसे–पत्थरों या लकड़ियों का टाल। २. पायल, भूसे, लकड़ी आदि की दूकान जहाँ इन चीजों का उक्त प्रकार का ढेर लगा रहता है। पुं० [देश०] १. गौओं, बैलों आदि के गले में बाँधा जानेवाला एक प्रकार का घंटा। २. बैल गाड़ी के पहिए का किनारा। पुं० [हिं० टालना] १. किसी काम या बात के लिए किसी को टालने की क्रिया या भाव। हीला-हवाला। पद–टाल-मटोल (देखें)। मुहावरा–टाल मारना=कोई चीज तौलने के समय कोई ऐसी चालाकी या युक्ति करना कि वह चीज तौल में पूरी न होने पावे। पुं० [सं० टार=अप्राकृतिक संभोग करानेवाला लड़का] व्यभिचार के लिए स्त्री और पुरूष को आपस में मिलानेवाला व्यक्ति। औरतों का दलाल। कुटना।
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टाल-टूल  : स्त्री०=टाल-मटोल।
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टाल-मटाल  : स्त्री=टाल-मटोल।
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टाल-मटूल  : पुं०=टाल-मटोल।
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टाल-मटोल  : स्त्री० [हिं० टालना में का टाल+अनु० मटोल] १. सामने आया हुआ काम तुरंत पूरा न करके उसे बार-बार दूसरे समय के लिए टालते रहने की क्रिया या भाव। २. किसी विशिष्ट उद्देश्य से आये हुए व्यक्ति का काम पूरा न करके उसे बार-बार टालते रहने की क्रिया या भाव।
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टालना  : स० [हिं० टलना०] १. किसी को उसके स्थान से खिसकाना या हटाना। २. अपना कोई उद्देश्य सिद्ध करने के लिए किसी को किसी बहाने से अपने सामने से दूर करना या हटाना। जैसे–जब वह शराब पीने बैठता था, तब लड़कों को अपने कमरे से टाल देता था। ३. किसी उद्देश्य से आये हुए व्यक्ति का उद्देश्य पूरा न करके किसी बहाने से उसे कुछ समय के लिए दूर कर देना या हटा देना। टरकाना। जैसे–जब उससे रुपए माँगने जाओ, तब किसी न किसी बहाने से हमें वह टाल देता है। ४. अनिष्ट घटना या स्थिति से किसी को रक्षित रखने अथवा स्वंय रक्षित रहने के लिए किसी युक्ति से उसे घटित न होने देना या दूर करना। जैसे–(क) किसी की विपत्ति या संकट टालना। (ख) अपने मन में आया बुरा विचार टालना। ५. कोई काम अपने पूर्व-निश्चित समय पर न करके उसे किसी और समय के लिए छोड़ रखना। जैसे–परीक्षा या विवाह की तिथि टालना। ६. जो काम अभी किया जाने को हो, उसे किसी और समय के लिए छोड़ रखना। जैसे–इस तरह हर काम टालने की आदत छोड़ दो। मुहावरा–(कोई काम या बात) किसी पर टालना=स्वंय कोई काम या बात करके यह कह देना कि इसे अमुक व्यक्ति कर सकता है या करेगा। जैसे–तुम तो अपना सारा काम मुझ पर टाल दिया करते हो। ७. किसी के अनुरोध, आज्ञा, परामर्श आदि की उपेक्षा करना या उस पर उचित ध्यान न देना। जैसे–आप की बात मैं किसी तरह टाल नहीं सकता। ८. कोई अनुचित काम या बात होती हुई देखकर भी उसकी उपेक्षा करना या उस पर ध्यान न देना। तरह दे जाना। बचा जाना। जैसे–अब तक तुम्हारे सब दुर्व्यवहार हम टालते आये हैं, पर आगे के लिए तुम्हें सावधान करना चाहिए। ९. बहुत कठिनता से समय व्यतीत करना। ज्यों-त्यों करके वक्त बिताना। उदाहरण–राम बियोग असोक बिटप तर सीय निमेष कलप सम टारति।–तुलसी।
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टालम-टाल  : वि० [हिं० टाला=आधा] (धन, संपत्ति) जिसका आधा भाग एक व्यक्ति के हिस्से में और आधा भाग किसी दूसरे व्यक्ति के हिस्से में आया हो या आने को हो। आधा-आधा। (दलाल) जैसे–यह रकम हम लोग आपस में टालम-टाल बाँट लेगें।
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टाला  : वि० [हिं० टाली] आधा । (दलाल)
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टाली  : स्त्री० [देश टलटल से अनु०] १. गाय, बैल आदि के गले में बाँधने की घंटी। २. बहुत चंचल बछिया या छोटी गौ। ३. एक प्रकार का बाजा। स्त्री० [देश०] आठ आने का सिक्का। अठन्नी (दलाल)। पुं० [देश०] शीशम का पेड़ और उसकी लकड़ी। (पश्चिम)।
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टाल्ही  : पुं०=टाली (शीशम)।
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