शब्द का अर्थ
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					टेरना					 :
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					स० [हिं० टर+ना (प्रत्यय)] १. किसी को अपने पास बुलाने के लिए कुछ ऊंचे स्वर से या चिल्लाकर पुकारना। २. किसी प्रकार के संकेत के रूप में या यों ही ऊंचा स्वर निकालना। जैसे–मुरली या वंशी टेरना। स० [?] १. (काम, बात या समय) टालना। २. (किसी व्यक्ति को) टरकाना।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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