शब्द का अर्थ
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					ठाठ					 :
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					पुं० [सं० स्थातृ=खड़ा होनेवाला] १. बाँसों लकड़ियों आदि का बना हुआ वह ढांचा जिसके आधार पर कोई रचना तैयार या पूरी की जाती है। जैसे–छप्पर या नाव का ठाठ। क्रि० प्र०–खड़ा करना।–बनाना। पद–ठाठ बंदी=नवठट। (देंखें)। २. किसी प्रकार की लंबी चौड़ी बुनावट या रचना। जैसे–कालीन या दरी बुनने का ठाठ, अर्थात् करघा और उसके साथ की दूसरी आवश्यक सामग्री। ३. ऐसी बनावट या रचना जो तड़क-भड़क वैभव शोभा, सजावट आदि दिखाने के उद्देश्य से तैयार की या बनाई जाय। आडंबर। ४. तड़क-भड़कवाला। वेश-विन्यास। मुहावरा–ठाठ पर रह जाना=उद्देश्य सिद्ध करने में विफल होकर ज्यों का त्यों रह जाना। ठाठ बदलना=(क) नया रूप धारण करने के लिए वेश बदलना (ख) बल, महत्ता, श्रेष्ठता आदि दिखाने या स्थापित करने के लिए नया रूप धारण करना। जैसे–पहले तो वह सीधी तरह से बातें करता था, पर आज तो उसने अपना ठाठ ही बदल दिया। ठाठ मांजना=ठाठ बदलना। ५. तड़क-भड़कवाला ढंग, प्रकार या शैली। मुहावरा–ठाठ से बिताना या रहना=बहुत अच्छी तरह चैन या सुख से रहना या समय बिताना। ६. कोई काम करने का आयोजन, तैयारी, युक्ति या व्यवस्था। जैसे–(क) अब यहां कहीं ठहरने या रहने का ठाठ करना चाहिए। (ख) यह सब अपना मतलब निकालने का ठाठ है। उदाहरण–यह ठाठ तुझी ने बाँधा है, यह रंग तुझी ने रच्चा है। नजीर।–क्रि० प्र०–बाँधना। ७. कुश्ती या पटेबाजी में खड़े होने या वार करने का ढंग। पैंतरा। मुहावरा–ठाठ बदलना=पुराना पैंतरा छोडकर नये पैतरें से खड़े होना या वार करना। ठाठ बाँधना-प्रतिपक्षी पर वार करने के लिए पैंतरें से खड़े होना। ८. संगीत में ऐसे क्रमिक सात स्वरों का वर्ग जो किसी विशेष प्रचलित तथा प्रसिद्ध अथवा शास्त्रीय महत्त्व के राग में लगता हो। जैसे–भैरवी का ठाठ। ९. कबूतरों, मुरगों आदि का प्रसन्न होकर पर फड़ फड़ाने की अवस्था या ढंग। मुहावरा–ठाठ मारना=उक्त पक्षियों का प्रसन्न होकर पर फड़फड़ाना। पुं० [हिं० ठठ्ठ] १. झुंड, दल या समूह। ठठ्ठ। जैसे–घोड़ों या हाथियों का ठाठ। २. अधिकता। बहुतायत। ३. बैल या साँड़ की गरदन पर का डिल्ला।				 | 
			
			
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					ठाठ-बंदी					 :
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					स्त्री० [हिं० ठाठ+फा० बंदी] १. किसी प्रकार का ठाठ अर्थात् ढाँचा खड़ा करने या बाँधने की क्रिया अथवा भाव। जैसे–छाजन या नाव की ठाठ-बंदी। २. आयोजन। तैयारी।				 | 
			
			
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					ठाठ-बाट					 :
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					स्त्री० [हिं० ठाठ+अनु० बाट] १. आडंबर, तड़क-भड़क तथा विलासपूर्ण आयोजन या प्रदर्शन। जैसे–वे ठाठ बाट से रहते या ठाठ-बाट से बाजार निकलते हैं। २. सज-धज। सजावट।				 | 
			
			
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					ठाठना					 :
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					स० [हिं० ठाठ] १. ठाठ खडा करना या बनाना। २. सजाना। ३. किसी कार्य के अनुष्ठान या आरम्भ का उपक्रम करना। अ० १. ठाठ का खड़ा होना या बनना। २. सजना। ३. कार्य आदि का अनुष्ठान या आरंभ होना।				 | 
			
			
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					ठाठर					 :
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					पुं०=ठाठ।				 | 
			
			
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