शब्द का अर्थ
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					ठुमक					 :
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					स्त्री० [हिं० ठुमकना] १. ठुमकने की क्रिया या भाव। २. बच्चों युवती स्त्रियों की ऐसी आकर्षक और लुभावनी चाल जिसमें वे कुछ ठिठकती या रुकती हुई चलती हैं। ठसक-भरी चाल।				 | 
			
			
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					ठुमकना					 :
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					अ० [अनु०] १. बच्चे का उमंग में आकर धीरे-धीरे पैर पटकने तथा इठलाते हुए चलना। उदाहरण–ठुमुक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया।–तुलसी। २. नाच में, इस प्रकार धीरे-धीरे पैर पटकते हुए आगे बढ़ना कि पैर के घुँघरु बजते रहे।				 | 
			
			
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					ठुमका					 :
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					पुं० [अनु०] [स्त्री० ठुमकी] धीरे से किया जाने वाला आघात या दिया जानेवाला झटका। जैसे–पतंग उड़ाने के समय उसे ठुमका देना। क्रि० प्र०–देना।–लगाना। वि० [स्त्री० ठुमकी] दे० ‘ठिगना’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					ठुमकारना					 :
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					स० [हिं० ठुमका](पतंग की डोरी को) ठुमका देना।				 | 
			
			
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					ठुमकी					 :
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					स्त्री० [देश०] १. ठुमककर चलने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. धीरे से किया जानेवाला आघात। थपकी। ३. दे० ठुमका। ४. एक प्रकार की छोटी खरी पूरी (पकवान)।				 | 
			
			
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