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तर-पर  : अ० व्य० [हिं० तर-तले+पर=ऊपर] १. एक दूसरे के ऊसर तथा नीचे। जैसे–पहलवान कुश्ती में तर-पर होते ही रहते हैं। २. एक के ऊपर एक-एक करके। जैसे–साड़ियों का तर-पर थाक लगा हुआ था। ३. एक के बाद एक-एक करके। जैसे–ये घटनाएँ तर-पर होती रहीं। ४. बिना क्रम भंग किये हुए। निरंतर। जैसे–वह सावल-जवाब तर-पर पूछे तथा दिये जाते थे।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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