शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					तरक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तर्क] १. सोच-विचार। २. उक्ति। कथन। ३. अड़चन। बाधा। ४. गड़बड़ी। व्यतिक्रम। ५. भूल। चूक। ६. दे० तर्क। पुं० [हिं० तर-नीचे] लेख आदि का कोई पृष्ठ समाप्त होने पर उसके नीचे लिखा जानेवाला वह शब्द जिससे बादवाला पृष्ठ आरंभ होता है। स्त्री० =तड़क।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० तर्क] १. तर्क करना। २. सोच-विचार करना। ३. बहस या विवाद करना। ४. झगड़ना। ५. अनुमान या कल्पना करना। [?] उछलना-कूदना। अ० दे० तड़कना। वि० जल्दी चौंकने या भड़कनेवाला। (बैल) उदाहरम-बैल तरकना टूटी नाव, या काहू दिन दै हैदांव।–कहा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकश					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] कंधे पर लटकाया जानेवाला वह आधान जिसमें तीर रखे जाते हैं। तूणीर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकश-बंद					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] वह जो तरकश रखता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकस					 :
				 | 
				
					पुं० [स्त्री० अल्पा० तरकशी]=तरकश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरका					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तर्कः] १. वह संपत्ति जो कोई व्यक्ति छोड़कर मरा हो। २. उत्तराधिकारी या वारिस को मिलनेवाली संपत्ति। ३. उत्तराधिकार। पुं०=तड़का।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकारी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा० तर=सब्जी, शाक+कारी] १. वे हरे और विशेषतः कच्चे फल आदि जिन्हें आग पर भून या पकाकर रोटी आदि के साथ खाया जाता है। हरी सब्जी। २. आग पर भून या पकाकर खाने के योग्य बनाई हुई सब्जी। ३. पकाया हुआ गोस्त या मांस।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० तांडकी] कान में पहनने का एक तरह का गहना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकीब					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ०] १. मिलान। मेल। २. बनावट। रचना। ३. रचना का प्रकार या शैली। ४. सोच-समझकर निकाला हुआ उपाय या युक्ति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकुल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ताल+कुल] ताड़ का पेड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकुला					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं०] कान में पहनने की बड़ी तरकी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरकुली					 :
				 | 
				
					स्त्री०=तरकी (कान में पहनने की)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरक्की					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ०] १. शारीरिक अवस्था में होनेवाली अभिवृद्धि तथा सुधार। जैसे–यह पौधा तरक्की कर रहा है। २. किसी कार्य या व्यापार का बराबर उन्नत दशा प्राप्त करना। जैसे–लड़का हिसाब में तरक्की कर रहा है। ३. पदोउन्नति। जैसे–पिछले वर्ष उनकी तरक्की हुई थी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					तरक्षु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तर√क्षि (हिंसा करना)+डु] एक प्रकार का छोटा बध। लकड़बग्घा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |