शब्द का अर्थ
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					तारन					 :
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					पुं० [हिं० तर-नीचे] १. छत या छाजन की ढाल अर्थात् नीचे की ओर का उतार। २. छाजन के वे बाँस जो कौड़ियों के नीचे रहते हैं। वि० पुं०–तारण।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					तारना					 :
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					स० [सं० तारण] १. ऐसा काम या यत्न करना जिससे कोई (नदी नाला आदि) तक कर उसके पार उतर जाय। पार लगाना। २. डूबते हुए को सहारा देकर किनारे पर पहुँचाना। ३. भव-सागर में जनमने-मरने में मुक्त करना। मोक्ष या सदगति देना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |