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शब्द का अर्थ
त्रि-भंग :
वि० [सं० ब० स०] जिसमें तीन बल पड़े हुए हों। पुं० खड़े होने की मुद्रा जिसमें टाँग, कमर और गरदन में कुछ टेढापन रहता है। यह मुद्रा बाँकपन, सुकुमारता और सौन्दर्य की सूचक मानी गई है।
समानार्थी शब्द-
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