शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					त्रिवृत्करण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० त्रिवृत्त-करण, ष० त०] अग्नि, जल और पृथ्वी इन तीनों तत्त्वों में से प्रत्येक में शेष दोनों तत्त्वों का समावेश करके प्रत्येक को अलग-अलग तीन भागों में विभक्त करने की क्रिया। (दर्शन शास्त्र)।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |