शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					थक्का					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० स्था+कृ; बँग० थाकना=ठहरना] [स्त्री० थक्की, थकिया] १. गीले और गाढ़े द्रव पदार्थ की जमी हुई मोटी तह या पिंड। जैसे—खून का थक्का, दही या मक्खन का थक्का। २. गलाई हुई धातु के जमने से बना हुआ पिंड। जैसे—लोहे या सोने का थक्का। क्रि० प्र०—जमना।—बँधना।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |