शब्द का अर्थ
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					दसा					 :
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					पुं० [हिं० दस] अग्रवाल वैश्यों के दो प्रधान भेदों मे से एक। (दूसरा भेद ‘बीसा’ कहलाता है।) स्त्री०=दशा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					दसांग					 :
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					पुं०=दशांग (एक तरह की धूप)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					दसाना					 :
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					स०=डसाना। (बिछाना)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दसामय					 :
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					पुं० [सं० दशन्-आमय, ब० स०] रुद्र।				 | 
			
			
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					दसारन					 :
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					पुं०=दशार्ण। (दे०)				 | 
			
			
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					दसारी					 :
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					स्त्री० [देश०] एक तरह का छोटा जल-पक्षी।				 | 
			
			
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					दसारुहा					 :
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					स्त्री० [सं० दशन्+आ√रुह(उगना)+क—टाप्] कैवर्तिका नाम की लता जिसके पत्तों से तैयार किये हुए रंग के कपड़े रंगे जाते हैं।				 | 
			
			
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					दसार्णा					 :
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					स्त्री० [सं० दसार्ण+अच्—टाप्] विंध्य पर्वत से निकली हुई धसान नामक नदी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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