शब्द का अर्थ
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दाब :
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स्त्री० [हिं० दबाना] १. दबाने की क्रिया या भाव। २. ऐसी स्थिति जिसमें किसी प्रकार का दबाव या भार पड़ता हो। दबने या दबे होने की अवस्था। क्रि० प्र०—पहुँचाना।—रखना।—लगाना। ३. वह भारी वस्तु जो किसी दूसरी चीज के ऊपर दबाये रखने के लिए रखी जाती है। भार। क्रि० प्र०—डालना।—रखना। ४. पत्थर, सीशे आदि का वह छोटा टुकडा जो कागजों को उड़ने से बचाने या उन्हें दबाये रखने के लिए उन पर रखा जाता है। (पेपर वेट) ५. नैतिक, वैयक्तिक या शारीरिक दृष्टि से प्रबल व्यक्ति का किसी दूसरे व्यक्ति पर पड़नेवाला प्रभाव या दबाव। मुहावरा—किसी की दाब तले होना=किसी के वश में या अधीन होना। (किसी की) दाब मानना=किसी बड़े अधिकारी या प्रभाव मानना और उसकी आज्ञा, इच्छा आदि के वशवर्ती होकर रहना। (किसी को) दाब में रखना=नियंत्रण, वश या शासन में दबाकर रखना। ६. यंत्रों आदि में किसी चीज पर यंत्र के किसी ऊपरी, बड़े भाग का इस प्रकार आकर पड़ना कि उसके फल-स्वरूप उस चीज पर कुछ अंकित हो या किसी प्रकार का अभीष्ट फल हो। जैसे—छापे के यंत्र में कागज पर पडनेवाली दाब। पुं०=द्रव्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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दाब-मापक :
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पुं० [हिं०+सं०] वह यंत्र जिससे यह जाना जाता है कि किसी चीज पर दूसरी चीज का किताब दाब या भार पड़ रहा है। (मैनो मीटर, प्रेशर गेज) |
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दाबकस :
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पुं० [हिं० दाब+कसना] लोहरों के छेदने के औजारों (किरकिरा, बरदुआ आदि) का एक हिस्सा। |
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दाबदार :
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वि० [हिं० दाब+फा० दार] रोबदार। आतंक रखनेवाला। प्रभावशाली। प्रतापी। |
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दाबना :
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सं० १.=दबाना। २.=गाड़ना। |
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दाबा :
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पुं० [हिं० दाब] कलम लगाने के लिए पौधों की टहनी को मिट्टी में गाड़ने या दबाने की क्रिया या पद्धति। पुं० [?] नदियों में रहनेवाली एक प्रकार की छोटी मछली। |
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दाबिल :
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पुं० [हिं० दाब] एक प्रकार की बड़ी सफेद चिड़ियाँ जिसकी चोंच दस बारह अंगुल लंबी और सिरे पर गोल और चिपटी होती है। यह प्रायः जलाशयों के कीड़े-मकोड़े और छोटी मछलियाँ खाती है। |
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दाबी :
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स्त्री० [हिं०] कटी हुई फसल के बँधे हुए एक-जैसे पूले जो मजदूरी में दिए जाते हैं। |
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