शब्द का अर्थ
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					दावँ					 :
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					पुं०=दाँव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					दाव					 :
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					पुं० [सं०√दु (पीड़ित करना)+ण] १. वन। जंगल। २. जंगल में लगी हुई आग। दावानल। ३. अग्नि। आग। ४. जलन। ताप। ५. धावरा नामक वृक्ष। ६. एक प्रकार का प्राचीन शस्त्र। पुं०=दाँव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० दर्भ] कुश। घास। दाभ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					दावत					 :
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					स्त्री० [अ० दअवत] १. किसी को कोई काम करने के लिए दिया जानेवाला निमंत्रण। आवाहन। २. भोजन के लिए दिया जानेवाला निमंत्रण। ३. ज्योनार। भोज। जैसे—विवाह पर दावत भी देनी चाहिए। क्रि० प्र०—खाना।—देना।—मिलना। पद—दावत नामा=निमंत्रण पत्र।				 | 
			
			
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					दावदी					 :
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					स्त्री०=गुलदावदी।				 | 
			
			
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					दावन					 :
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					वि० [सं० दमन] [स्त्री० दावनी] दमन करनेवाला। उदाहरण—त्रिविध दोष दुख दारिद दावन।—तुलसी। पुं० १. दमन। २. ध्वंस। नाश। ३. खुजड़ी नाम का हथियार। ४. दराँती या हँसिया नाम का औजार। स्त्री० [सं० दाम] खाट या चारपाई में पैंताने की ओर बाँधी जानेवाली रस्सी। उनचन। पुं०=दामन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दावना					 :
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					स०=दाँवना। (दाँना)। स० [हिं० दावन, सं० दमन] दमन करना। स० [सं० दाव] १. आग लगाना। २. प्रकाशमान करना। चमकाना। उदाहरण—दामिनी दमकि दसो दिसि दावति छूटि छुवत छिति छोर।—भारतेन्दु।				 | 
			
			
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					दावनी					 :
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					स्त्री० [सं० दामनी=रस्सी] माथे पर पहनने का एक तरह का झालदार लंबोतरा गहना।				 | 
			
			
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					दावरा					 :
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					पुं० [देश०] धावरा नामक पेड़।				 | 
			
			
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					दावरी					 :
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					स्त्री०=दाँवरी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दावा					 :
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					स्त्री० [सं० दाव] दावानल। पुं० [अ०] १. किसी वस्तु पर अपना अधिकार या स्वत्व करने की क्रिया या भाव। यह कहते हुए किसी चीज पर हक जाहिर करना कि यह हमारी है या होनी चाहिए। २. अधिकार। स्वत्व। हक। जैसे—उस मकान पर तुम्हारा कोई दावा नहीं है। ३. न्यायालय में प्रार्थना-पत्र उपस्थित करते हुए यह कहना कि अमुक व्यक्ति से हमें इतना धन अथवा अमुक वस्तु मिलनी चाहिए जो हमारा प्राप्य है अथवा न्यायतः जिसके अधिकारी हम हैं। ४. दीवानी अदालत का अभियोग। नालिश। जैसे—महाजन ने उन पर जो हजार रूपयों का दावा किया है। ५. फौजदारी अदालत में कुछ विशिष्ट अवस्थाओं में उपस्थित किया जानेवाला उक्त प्रकार का अभियोग। जैसे—किसी पर मानहानि (अथवा लड़का भगा ले जाने) का दावा करना। ६. नैतिक अथवा लौकिक दृष्टि से किसी वस्तु या व्यक्ति पर होनेवाला अधिकार, जोर या वश। जैसे—तुम पर हमारा कोई दावा तो है नहीं जो हम तुम्हें वहाँ जबरदस्ती भेज सकें। ७. अभिमान या गर्वपूर्ण कही जानेवाली बात। जैसे—वे इस बात का दावा करते हैं कि हमने कभी झूठ नहीं बोला।				 | 
			
			
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					दावागीर					 :
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					पुं० [अ० दावा+फा० गीर] दावा करनेवाला। अपना अधिकार या हक जतानेवाला।				 | 
			
			
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					दावाग्नि					 :
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					स्त्री० [सं० दाव-अग्नि, मध्य० स०] वन में लगनेवाली आग। दावानल।				 | 
			
			
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					दावात					 :
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					स्त्री०=दवात।				 | 
			
			
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					दावादार					 :
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					पुं०=दावेदार।				 | 
			
			
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					दावानल					 :
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					पुं० [सं० दाव-अनल, मध्य० स०] वन की भीषण आग जो बाँसों, वृक्षों आदि की टहनियों की रगड़ से उत्पन्न होती है और दूर तक फैलती है। वनाग्नि।				 | 
			
			
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					दावित					 :
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					भू० कृ० [सं०√दु (पीड़ित करना)+णिच्+क्त] पीड़ित।				 | 
			
			
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					दाविनी					 :
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					स्त्री० [सं० दामिनी] १. बिजली। तड़ित्। २. बेंदी नाम का गहना जिसे स्त्रियाँ माथे पर पहनती हैं।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					दावी					 :
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					पुं० [सं० धव] धव का पेड़।				 | 
			
			
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					दावेदार					 :
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					पुं० [अ० दावा+फा० दार] १. वह जिसने किसी पर दावा किया हो। २. किसी चीज पर अपना अधिकार या हक जतलानेवाला व्यक्ति।				 | 
			
			
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