शब्द का अर्थ
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					दिक्पाल					 :
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					पुं० [सं० दिक्√पाल् (पालना)+णिच्+अण्] १. पुराणानुसार दसों दिशाओं का पालन करनेवाला देवता। यथा-पूर्व के इन्द्र, अग्निकोण के वह्रि, दक्षिण के यम, नैऋत्यकोण के नैऋत, पश्चिम के वरूण, वायु कोण के मरूत्, उत्तर के कुबेर, ईशान कोण के ईश, ऊर्ध्व दिशा के ब्रह्मा और अधो दिशा के अनंत। २. चौबीस मात्राओं का एक छंद जिसमे १२ मात्राओं पर विराम होता है। उर्दू का रेख्ता यही छंद है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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