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दिमाग  : पुं० [अ०] १. सिर का गूदा। भेजा। २. सोचने-समझने आदि की शक्ति, जिसका निवास सिर के भीतरी भाग में माना गया है। मस्तिष्क। मुहावरा—दिमाग आसमान पर होना=ऐसा घमंड होना जो साधारण बातों, व्यक्तियों आदि की ओर प्रवृत्त न होने दे अथवा उन्हें उपेक्ष्य समझे। दिमाग ऊँचा होना=ऐसी मानसिक स्थिति होना, जिसमें केवल बड़ी-बड़ी बातों की ओर ही ध्यान रहे। (किसी का) दिमाग खाना या चाटना=व्यर्थ की बातें कहना जिससे किसी के सिर में दर्द होने लगे। बहुत बकवाद करना। (किसी का) दिमाग खाली करना=दिमाग चाटना। ऐसा काम करना, जिससे किसी की मानसिक शक्ति का बहुत अधिक व्यय हो (किसी काम में) दिमाग खाली करना=सोच-विचार आदि में पड़कर अपनी मानसिक शक्ति का क्षय या व्यय करना। दिमाग चढ़ना=दिमाग आसमान पर होना। (किसी का) दिमाग न पाया जाना या न मिलना=किसी में इतना अधिक अभिमान होना कि वह साधारण लोगों से बात करना तक पसंद न करे। दिमाग परेशान करना= दे० ऊपर ‘दिमाग खाली करना’। दिमाग में खलल होना=मस्तिष्क में ऐसा विकार होना, जिससे वह ठीक तरह से काम करने के योग्य न रह जाय। पागल होना। (किसी काम में) दिमाग लड़ाना=कोई काम पूरा करने के लिए बहुत अधिक सोच-विचार से काम लेना। ३. मानसिक शक्ति। बुद्धि। समझ। जैसे—वह बहुत बड़े दिमाग का आदमी है पद—दिमागदार (देखें) ४. अभिमान। घमंड। शेखी। जैसे—बस रहने दीजिए; बहुत दिमाग मत दिखलाइए। मुहावरा—दिमाग झड़ना=अभिमान या घमंड दूर हो जाना।
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दिमाग रौशन  : पुं० [अ० दिमाग+फा० रौशन] मगज-रौशन नाम। सुँघनी। (परिहास और व्यंग्य)
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दिमाग-चट  : वि० [अ० दिमाग+हिं० चट (चाटना)] बहुत अधिक बकवाद करके दूसरों का दिमाग चाटने अर्थात् उन्हें व्याकुल करनेवाला। बहुत बड़ा बकवादी।
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दिमागदार  : वि० [अ० दिमाग+फा० दार (प्रत्य०)] १. जिसका दिमाग या मानसिक शक्ति बहुत अच्छी हो। बहुत बड़ा समझदार। २. अभिमानी। घमंडी।
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दिमागी  : वि० [अ० दिमाग] १. दिमाग या मस्तिष्क-संबंधी। दिमाग का। मानसिक। जैसे—दिमागी मेहनत। २. जिसे दिमाग हो। दिमागवाला। ३. घमंडी।
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