शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					देवान					 :
				 | 
				
					पुं०=दीवाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					देवाना					 :
				 | 
				
					पुं० [?] एक प्रकार की चिडिया।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि०=दीवाना। स०=दिलाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					देवानां-प्रिय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अलुक् स०] १. देवताओं को प्रिय। २. बडों के लिए प्रयुक्त होनेवाला एक आदर-सूचक विशेषण पद जो उनके परम भाग्यशाली और श्रेष्ठ होने का सूचक होता है। ३. मूर्ख। बेवकूफ। पुं० बकरा, जो देवताओं को बलि चढ़ाया जाता था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					देवानुग					 :
				 | 
				
					पुं० [देव-अनुग ष० त०] १. देवता का सेवक। २. विद्याधर, यक्ष आदि उपदेव जो देवताओं का अनुगमन करते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					देवानुचर					 :
				 | 
				
					पुं० [देव-अनुचर ष० त०]=देवानुग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					देवानुयायी (यिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [देव-अनुयायिन् ष० त०]= देवानुग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					देवान्न					 :
				 | 
				
					पुं० [देव-अन्न ष० त०] हवि। चरु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |