शब्द का अर्थ
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					नव					 :
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					वि० [सं०√नु (स्तुति)+अप्] १. नया। नवीन। २. आधुनिक। वि० [सं० नवन] १. जो गिनती में आठ से एक अधिक हो। नौ। २. नौ तरह या प्रकार का। जैसे–नवरत्न। पुं० १. आठ और एक के योग की सूचक संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है–९। पुं० स्तोत्र। २. लाल गदहपूरना। ३. पुराणानुसार उशीनर का एक पुत्र।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-कलेवर					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] जगन्नाथपुरी में अधिमास के बाद पड़नेवाली रथ-यात्रा के समय होनेवाला वह उत्सव जिसमें जगन्नाथ की पुरानी मूर्ति के स्थान पर नई मूर्ति स्थापित की जाती है।				 | 
			
			
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					नव-कल्प					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] भू-तत्त्व विज्ञान के अनुसार पृथ्वी-रचना के इतिहास में मध्य कल्प के बाद का वह पाँचवाँ और आधुनिक कल्प जिसका आरंभ लगभग छः करोड़ वर्ष पहले हुआ था तथा जिसमें स्तनपायी जीवों और मनुष्यों की सृष्टि आरंभ होने लगी थी। (सेनोजोइक एरा)। विशेष–इसके पहले के चार कल्प ये हैं–आदि कल्प, उत्तर कल्प, पुरा कल्प और मध्य कल्प।				 | 
			
			
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					नव-कारिका					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०] १. नई विवाहिता स्त्री। २. बालिका, जो पहली बार रजस्वला हुई हो।				 | 
			
			
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					नव-कुमारी					 :
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					स्त्री० [सं० मध्य० स०] कुमारिका, त्रिमूर्ति, कल्याणी, रोहिणी, काली, चंडिका, शांभवी, दुर्गा और सुभद्रा ये नौ कुमारियाँ जिनकी पूजा नौरात्र में की जाती है।				 | 
			
			
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					नव-खंड					 :
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					पुं० [सं० द्विगु० स०] पुराणानुसार पृथ्वी के ये नौ खंड या ये विभाग, भारत, इलावृत्त, किंपुरुष, भद्र, केतुमाल, हरि, हिरण्य, रम्य और कुश।				 | 
			
			
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					नव-ग्रह					 :
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					पुं० [सं० द्विगु० स०] सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु ये नौ ग्रह (फ० ज्यो०)। विशेष–कर्मकांड के अनुसार इन्हीं नौ ग्रहों का पूजन होता है।				 | 
			
			
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					नव-जात					 :
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					वि० [सं० कर्म० स०] (जीव) जिसका जन्म कुछ ही समय पहले हुआ हो।				 | 
			
			
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					नव-ज्वर					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] वह बुखार जिसका अभी आरंभ हुआ हो। कुछ ही दिनों से आनेवाला ज्वर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					नव-दंडक					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] पुरानी चाल का एक तरह का राज छत्र।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-दल					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] १. नया दल। (पत्ता) कल्ला। २. कमल की वह पंखुड़ी जो उसके केसर के पास होती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					नव-दीधिति					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] मंगल ग्रह।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-दुर्गा					 :
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					स्त्री० [सं० मध्य० स०] शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चित्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदा जो दुर्गा के नौ रूप या विग्रह हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					नव-द्वार					 :
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					पुं० [सं० द्विगु० स०] शरीर में के ये नौ द्वार, दो आँख, दो कान, दो नाक, दो गुप्तेंद्रियाँ, और एक मुख लोगों का विश्वास है कि जब मनुष्य मरने लगता है तब उसके प्राण इन्हीं नौ द्वारों में से किसी एक द्वार से होकर निकलते हैं।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					नव-निधि					 :
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					स्त्री० [सं० द्विगु० स०] कुबेर की ये नौ निधियाँ–पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुंद, कुंद, नील और खर्व।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					नव-पत्रिका					 :
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					स्त्री० [सं० मध्य० स०] केले, अनार, धान, हलदी, मानकच्ची, कच्चू, बेल, अशोक, और जयंती इन नौ वृक्षों की पत्तियाँ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-पद					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] जैनों की एक उपास्य मूर्ति।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-प्रसूत					 :
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					वि० [सं० कर्म० स०] नव-जात।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-प्राशन					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] नई फसल का अन्न या फल पहली बार खाना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-भक्ति					 :
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					स्त्री० [सं० मध्य० स०] दे० ‘नवधा-भक्ति’।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-मल्लिका					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०] १. चमेली (पौधा और उसका फूल) २. नेवारी (पौधा और फूल)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-मालिका					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०] १. एक प्रकार का वर्ण-वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः एक एक नगण, जगण, भगण, और यगण होता है। इसे ‘वन-मालिनी’ भी कहते हैं। २. नेवारी (पौधा और फूल)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-मालिनी					 :
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					स्त्री० [सं० कर्म० स०]=नवमल्लिका।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-युवक					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] [स्त्री० नवयुवती] जो अभी हाल में युवक हुआ हो। नौजवान। तरुण।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-युवती					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० कर्म० स०] नौजवान स्त्री। तरुणी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-युवा (वन्)					 :
				 | 
				
					पुं०=नवयुवक।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-योनिन्यास					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] तंत्र में एक प्रकार का न्यास।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-यौवन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] नई जवानी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-यौवना					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०, टाप्] वह स्त्री, जिसमें युवावस्था के चिह्न दृष्टिगोचर होने लगे हों। नौजवान स्त्री।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-रंग					 :
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					वि० [सं० नव और रंग] १. नवीन अथवा निराली शोभावाला। सुंदर। २. नये ढंग का। नवेला। पुं०=नारंगी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					नव-रत्न					 :
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					पुं० [सं० द्विगु० स०] १. मोती, पन्ना, मानिक, गोमेद, हीरा, मूँगा, लहसुनियाँ, पद्मराग और नीलम ये नौ रत्न। २. गले में पहनने का एक प्रकार का हार जिसमें उक्त नौ प्रकार के अथवा अनेक प्रकार के रत्न जड़े होते हैं। २. धन्वंतरि, क्षपणक, अमरसिंह, शंकु, वेताल, भट्ट, घटखर्पर, कालिदास, वराहमिहिर और वररुचि इन नौ महान् व्यक्तियों की सामूहिक संज्ञा। विशेष–किवदंती के अनुसार ये महाराज विक्रमादित्य की सभा के सदस्य माने जाते हैं। परंतु ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार यह बात अप्रामाणिक सिद्ध होती है। ४. एक प्रकार की मीठी चटनी जो कई तरह के मसालों के योग से बनती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-रस					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] हिन्दी साहित्य में, श्रृंगार, करुण, हास्य, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शांत ये नौ प्रकार के रस।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-वर्ष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] १. नया वर्ष। २. नये वर्ष के आरंभिक दिन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-वल्लभ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] अगर नामक गन्ध द्रव्य का एक भेद।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-वासुदेव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्य० स०] त्रिपृष्ठ, द्विपष्ट, स्वयंभू, पुरुषोत्तम, सिंहपुरुष, पुंडरीक, दत्त, लक्ष्मण, और श्रीकृष्ण ये नौ वासुदेव। (जैन)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-वास्तु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] वैदिक काल के एक राजर्षि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-विंश					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नवविंशति+डट्] उन्तीसवाँ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-विंशति					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मध्य० स०] बीस और नौ। तीस से एक कम। पुं० उक्त के सूचक अंक या संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है–२९।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-विष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० द्विगु स०] वत्सनाभ, हारिद्रक, सक्तुक, प्रदीपन, सौराष्टिक, श्रृंगक, कालकूट, हलाहल, और ब्रह्मपुत्र ये नौ प्रकार के विष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-शक्ति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०] प्रभा, माया, जया, सूक्ष्मा, विशुद्धा, नंदिनी, सुप्रभा, विजया, और सर्वसिद्धिदा ये नौ शक्तियाँ। (पुराण)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-शायक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्य० स०] ग्वाला, माली, तेली, जुलाहा, हलवाई, बरई, कुम्हार, लोहार, और हज्जाम ये नौ जातियाँ। (पारशर संहिता)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-शिक्षित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० कर्म० स०] [स्त्री० नव-शिक्षिता] १. जिसने अभी हाल में कुछ पढ़ना-लिखना सीखा हो। २. नवीन शिक्षा पद्धति के अनुसार जिसे शिक्षा मिली हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-शोभ					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] नई शोभावाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-संगम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] १. नया मिलन। २. पति और पत्नी की प्रथम भेंट या समागम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव-सप्त (न्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० द्व० स०]=नवसत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव+कन्] जिसमें नौ हों। पुं० नौ वस्तुओं का कुलक या समूह। वि० [सं०] नया। स्त्री०=नौका।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवका					 :
				 | 
				
					वि०=नया (नवीन)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवकार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] जैनों का एक प्रकार का मंत्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवकालिका					 :
				 | 
				
					स्त्री०=नवकारिका।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवग्रही					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव ग्रह+हिं० ई (प्रत्य०)] नवग्रह संबंधी। स्त्री० नौ ग्रहों के प्रतीक नौ रत्नों से जड़ा हुआ कोई गहना। जैसे–नवग्रही पहुँची, नवग्रही माला आदि। उदा०–गजरा नवग्रही प्रोंचिया प्रोंचे।–प्रिथीराज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवछावरि					 :
				 | 
				
					स्त्री०=निछावर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवड़ा					 :
				 | 
				
					पुं० [?] मरसा नामक साग।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० √नु+अतच्] १. कंबल। २. हाथी की झूल। ३. आवरण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवतंतु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] विश्वामित्र का एक पुत्र। (महा०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवतन					 :
				 | 
				
					वि०=नूतन (नया)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० नव+तल्–टाप्] नवीनता। नयापन। पुं० [हिं० नवना] ढालुई जमीन। उतार। (कहार)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवति					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नवन्+डति] जो संख्या में अस्सी से दस अधिक हों। नब्बे। स्त्री० उक्त की सूचक संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है–९०।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवतिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० नव√तिक् (गति)+क–टाप्] तूलिका।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवद्वीप					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] बंगाल प्रदेश में गंगा तट पर बसी हुई एक प्रसिद्ध प्राचीन नगरी जो राजा लक्षमण सेन की राजधानी थी। विशेष–पहले यहाँ छोटे-छोटे नौ गाँव थे, जिनके समूह को नवद्वीप कहते थे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवधा					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० नवन्+धाच्] १. नौ प्रकार से। २. नौ भागों में। नौ टुकड़ों या खंडों में।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवधा-अंग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सहसुपा स०] शरीर के ये नौ अंग, दो आँखें, दो कान, दो हाथ, दौ पैर और एक नाक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवधा-भक्ति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० सहसुपा स०] १. भक्ति के ये नौ प्रकार–श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, बंदन, सख्य, दास्य और आत्मनिवेदन। २. उक्त नवों प्रकारों से की जानेवाली भक्ति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवन					 :
				 | 
				
					पुं०=नमन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० नमन] १. नत होना। झुकना। २.किसी के सामने नम्र या विनीत होना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवनि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० नमन] १. झुकने की क्रिया या भाव। २. नम्रता। विनय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० नव√नी (ले जाना)+ड–ङीष्] नवनीत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवनीत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० √नी+क्त, नव-नीत, ष० त०] १. मक्खन। २. श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवनीत-गणप					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उपमि० स०] एक गणपति। (पुराण०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवनीत-धेनु					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मध्य० स०] मक्खन की वह ढेरी जो धेनु के रूप में मान कर दान दी जाती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवनीतक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नवनीत+कन्] १. घृत। घी। २. मक्खन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवपदी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०, ङीष्] चौपाई या जनकरी छंद का एक नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवफलिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०, कप्, टाप्, इत्व] नवकलिका।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवंबर					 :
				 | 
				
					पुं० [अं० नवेम्बर] अँगरेजी वर्ष का ग्यारहवाँ महीना जो ३॰ दिनों का होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवम					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नवन्+डट्–मट्] नौ के स्थान पर पड़नेवाला। नवाँ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवमांश					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नवम-अंश, कर्म० स०] १. किसी पदार्थ का नवाँ अंश या भाग। २. दे० ‘नवांश’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवरंगी					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० नवरंग] १. सुंदर। २. रंगीला। स्त्री०=नारंगी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवरा					 :
				 | 
				
					वि०=नेवला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि०=नवल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवराता					 :
				 | 
				
					पुं०=नौराता (नवरात्र)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवरात्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नवन्-रात्रि, द्विगु स०,+अच्] १. नौ दिनों का समय। २. नौ दिनों में समाप्त होनेवाला एक तरह का यज्ञ। ३. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिन। वसंती नवरात्र। ४. आश्विन् शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक के नौ दिन। शारदीय नवरात्र। विशेष–उक्त वसंती और शारदीय नवरात्रों में दुर्गा का व्रत तथा पूजन किया जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवल					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] १. नया। नवीन। २. ऐसा नया या नवीन जिसमें कोई नया आकर्षक या नई विशेषता हो। अनोखा और बढ़िया। ३. नव-युवक। जवान। ४. उज्जवल। स्वच्छ। पुं० [अं० नैवेल] वह भाड़ा जो सामान ढोने के बदले में जहाज के अधिकारी लेते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवल-अनंगा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] मुग्धा नायिका का एक भेद। (केशव)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवल-किशोर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] श्रीकृष्णचंद्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवल-वधू					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] दे० ‘नवल अनंगा’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०] जवान स्त्री। तरुणी। युवती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवलेवा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नव+हिं० लेवा=कीचड़ का लेप] वह कीचड़ जो बढ़ी हुई नदी के उतरने पर बच रहता है नदी के किनारे की दलदल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नववरि (री)					 :
				 | 
				
					स्त्री० दे० ‘निछावर’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवंश					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नव-अंश, कर्म० स०] १. किसी पदार्थ का नवाँ भाग। नवमांश। २. फलित ज्योतिष, में एकराशि का नवाँ भाग जिसका विचार नवजात बालक के चरित्र, आकार और चिह्र आदि निश्चित करने में होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवसत					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० नव=नौ+सात] जो गिनती में नौ और सात अर्थात् १६ हो। पुं० स्त्रियों के होनेवाले सोलहों श्रृंगार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवसर					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० नौ+सर=लड़ी] एक प्रकार का हार जिसमें नौ लड़ियाँ होती हैं। वि० [सं० नव-वत्सर] नई उमर का। नव वयस्क। पुं०=नौसर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवससि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नव-शशि] नया अर्थात् दूज का चंद्रमा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवसिखा					 :
				 | 
				
					वि०, पुं०=नौसिखुआ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाँ					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव] नौ के स्थान पर पड़नेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवा					 :
				 | 
				
					वि० [स्त्री० नवी]=नया। पुं० [फा०] १. आवाज। शब्द। २. गाना-बजाना। संगीत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० नवना] १. नवने अर्थात झुकने की क्रिया या भाव। नमन। २. किसी के आगे नम्र या विनीत होना। स्त्री० [सं० नव=नया] नयापन। नवीनता। वि०=नवा (नया)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवांग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नवन-अंग, मध्य० स०] सोंठ, पीपल, मिर्च, हड़, बहेड़ा, आंवला, चाब, चीता और बायबिडंग ये नौ पदार्थ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवागत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव-आगत, कर्म० स०] १. नया आया हुआ। २. जो अभी आया हो। जैसे–नवागत अतिथि। ३. जिसका आविर्भाव अभी हाल में हुआ हो। जो कुछ ही पहले अस्तित्व में आया हो। जैसे–नवागत सेना अर्थात् नई भरती की हुई सेना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवांगा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स०] काकड़ासिंगी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाजना					 :
				 | 
				
					स० [फा० नवाजिश] अनुग्रह या कृपा करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाजिश					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा० नवाजि़श] अनुग्रह। कृपा। मेहरबानी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाड़ा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० नाव] १. एक प्रकार की छोटी नाव। २. बीच धारा में नाव को इस प्रकार खेना कि वह चक्कर खाने लगे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवान					 :
				 | 
				
					पुं०=नवान्न।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाना					 :
				 | 
				
					स० [सं० नवन्] १. झुकाना। जैसे–किसी के आगे सिर नवाना। २. किसी को नम्र या विनीत होने में प्रवृत्त करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवान्न					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नव-अन्न, कर्म० स०] १. फसल का नया आया हुआ अनाज। २. ताजा पका या बना हुआ अन्न। ३. एक प्रकार का श्राद्ध जिसमें नया उपजा हुआ अन्न पितरों के नाम पर दिया या बाँटा जाता था। ४. पहले-पहल नई फसल का अन्न मुँह लगाने अर्थात् खाने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाब					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० नव्वाब] १. बादशाह की ओर से नियुक्त किसी प्रदेश का प्रधान शासक। २. किसी प्रदेश का मुसलमान शासक। जैसे–रामपुर के नवाब। ३. मुसलमान रईसों को अँगरेजी शासन की ओर से मिलनेवाली एक उपाधि। ४. आवश्यकता से अधिक अपना अधिकार, ठाठ-बाट या प्रभुत्व दिखलानेवाला व्यक्ति। (व्यंग्य)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाबजादा					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० नव्वाब+फा० जादः] १. नवाह का पुत्र। नवाब का बेटा। २. वह जो बहुत बड़ा शौकीन हो तथा रईसों की तरह रहता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाबपसंद					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] १. भादों के अंतिम और क्वार के आरंभिक दिनों में होनेवाला एक प्रकार का धान। २. उक्त धान का चावल जो बढ़िया होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाबी					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० नवाब+ई] १. नवाबों का। जैसे–नवाबी शासन। २. नवाबों के रंग-ढंग जैसा। नवाबों के अनुकरण पर किया हुआ। जैसे–नवाबी शान। स्त्री० १. नवाब होने की अवस्था या भाव। २. नवाब का कार्य या पद। ३. नवाबों का शासन-काल। ४. नवाबों की तरह ठाठ-बाट से रहने और खूब खरच करने की अवस्था या भाव। ५. नवाबों का सा मनामाना आचरण और ठसक या हुकूमत। पुं० पुरानी चाल का एक प्रकार का बढ़िया कपड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाभ्युत्थान					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नव-अभ्युत्थान, कर्म० स०] नया अर्थात् दोबारा होनेवाला उत्थान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवार					 :
				 | 
				
					वि०=नया।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवारना					 :
				 | 
				
					अ० [?] १. चलना। टहलना। २. यात्रा या सफर करना। स०=निवारना (निवारण करना)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवारा					 :
				 | 
				
					पुं०=नवाड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवारी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=नेवारी (पौधा और उसका फूल)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवार्चि (स्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] मंगल ग्रह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवासा					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० नवासः] बेटी का बेटा। नाती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवासी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नवा शीति] जो संख्या में अस्सी से नौ अधिक हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या, जो इस प्रकार लिखी जाती है–८९। स्त्री० हिं० ‘नवासा’ का स्त्री०।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवाह					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] चांद्र मास के किसी पक्ष का नया दिन। पुं० [सं० नवाह्न] नौ दिनों का समूह। वि० नौ दिनों तक चलता रहने या नौ दिनों में पूरा होनेवाला। जैसे–भागवत या रामायण का नवाह पाठ। पुं० [अ०] आस-पास या चारों ओर का क्षेत्र, प्रदेश या स्थान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवि					 :
				 | 
				
					अव्य०=नहीं। उदा०–मारूँ नवि काढ़ूँ मगर, यही भाव मन आणिया।–जटमल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नविश्ता					 :
				 | 
				
					वि० [फा० नविश्तः] लिखा हुआ। लिखित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=नोई (बछड़े के गले में बाँधने की रस्सी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि० [फा०] १. नवीन। २. आधुनिक। ३. पाश्चात्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवीन					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव+ख–ईन] [भाव० नवीनता] १.जो अभी का या थोड़े समय का हो। नया। नूतन। नया। ‘प्राचीन’ का विपर्याय। २. जो पहले-पहल या मूल रूप मे बना हो। जैसे–नवीन आदर्श। ३. अपूर्व और विचित्र या विलक्षण। अनोखा। ४. तरुण। नवयुवक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवीनता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० नवीन+तल्–टाप्] नया होने की अवस्था या भाव। नूतनता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवीनीकरण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नवीन+च्वि, ईत्व√कृ (करना)+ल्युट्–अन] १. नवीन रूप देने की क्रिया या भाव। २. किसी चीज या बात की अवधि समाप्त होने पर उसे फिर से नियमित तथा वैध नया रूप देना या उसकी अवधि बढ़ाना। (रिन्यूअल)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवीस					 :
				 | 
				
					वि० [फा०] समस्त पदों के अंत में, लिखनेवाला। लिपिक। जैसे–अर्जी नवीस।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवीसी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा०] लिखने की क्रिया या भाव। लिखाई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवेद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० निवेदन से फा०] १. शुभ सूचना। २. निमंत्रण। ३. निमंत्रण पत्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवेरड़ा					 :
				 | 
				
					वि० [स्त्री० नवेरड़ी] नवेला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवेला					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव] [स्त्री० नवेली] १. नवीन और सुन्दर। २. जिसमें औरों से अधिक कोई विशेषता हो और इसीलिए जो दूसरों से अच्छा या बढ़ा-चढ़ा समझा जाता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवैयत					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ०] किसी वस्तु की विशिष्टता सूचित करनेवाला प्रकार या भेद। जैसे–इस बैनामे में खेत (या जमीन) की नवैयत तो लिखी ही नहीं है; अर्थात् यह नहीं लिखा है कि वह किस प्रकार या वर्ग की है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवोढ़					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव-ऊढ, कर्म० स०] [स्त्री० नवोढ़ा] जिसका विवाह हाल में हुआ हो। पुं० १. विवाहिता पुरुष। २. नौजवान आदमी। नवयुवक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवोढ़ा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० नव-ऊढा, कर्म० स०] १. नव-विवाहिता स्त्री। वधू। २. नौ जवान स्त्री। नव-युवती। ३. साहित्य में नव-विवाहिता लज्जाशीला नायिका, जिसे आचार्यों ने मुग्धा का और कुछ ने ज्ञातयौवना का एक स्वतंत्र भेद माना है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवोदक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नव-उदक, कर्म० स०] १. नया जल अर्थात् पहली वर्षा का जल अथवा नया कूआँ खोदने पर उससे से पहले-पहल निकाला जानेवाला जल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नवोद्धृत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव-उद्धृत, कर्म० स०] नया उद्दृत किया हुआ। पुं० मक्खन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं० नव+यत् ] १. नया। नवीन। २. आधुनिक। ३. जिसके आगे नमन करना उचित हो। पुं० लाल गदहपूरना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव्वाब					 :
				 | 
				
					पुं०=नवाब।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					नव्वाबी					 :
				 | 
				
					वि०, स्त्री०=नवाबी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |