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पुटक  : पुं० [सं० पुट√कै (भासित होना)+क] कमल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुटक  : पुं० [सं० पुट√कै (भासित होना)+क] कमल।
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पुटकिनी  : स्त्री० [सं० पुटक+इनि—ङीष्] १. पद्मिनी। कमलिनी। २. कमलों का समूह। पद्म-जाल। ३. ऐसा स्थान जहाँ कमल अधिकता से होते हों।
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पुटकिनी  : स्त्री० [सं० पुटक+इनि—ङीष्] १. पद्मिनी। कमलिनी। २. कमलों का समूह। पद्म-जाल। ३. ऐसा स्थान जहाँ कमल अधिकता से होते हों।
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पुटकी  : स्त्री० [सं० पुटक=दोना] छोटी गठरी। पोटली। स्त्री० [पुट से अनु०] १. कीड़े-मकोड़े की तरह होनेवाली आकस्मिक तथा तुच्छतापूर्ण मृत्यु। २. आकस्मिक दैवी विपत्ति। बहुत बड़ी आफत। गजब। मुहा०—(किसी पर) पुटकी पड़ना=(क) आकस्मिक दुर्घटना, रोग आदि के कारण चटपट मर जाना। (ख) बहुत बड़ी दैवी विपत्ति आना या पड़ना। (स्त्रियों की गाली या शाप) जैसे—पुटकी पड़े ऐसी मजदूरनी पर। स्त्री० [हिं० पुट=हलका मेल] वह बेसन या आटा जो तरकारी के रसे में उसे गाढ़ा करने के लिए मिलाया जाता है। आलन।
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पुटकी  : स्त्री० [सं० पुटक=दोना] छोटी गठरी। पोटली। स्त्री० [पुट से अनु०] १. कीड़े-मकोड़े की तरह होनेवाली आकस्मिक तथा तुच्छतापूर्ण मृत्यु। २. आकस्मिक दैवी विपत्ति। बहुत बड़ी आफत। गजब। मुहा०—(किसी पर) पुटकी पड़ना=(क) आकस्मिक दुर्घटना, रोग आदि के कारण चटपट मर जाना। (ख) बहुत बड़ी दैवी विपत्ति आना या पड़ना। (स्त्रियों की गाली या शाप) जैसे—पुटकी पड़े ऐसी मजदूरनी पर। स्त्री० [हिं० पुट=हलका मेल] वह बेसन या आटा जो तरकारी के रसे में उसे गाढ़ा करने के लिए मिलाया जाता है। आलन।
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