शब्द का अर्थ
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बिरस :
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वि० [सं० विरस] जिसमें रस न हो। रसहीन। पुं० रस (प्रेम) का अभाव। २. जहर। विष। (डि० ) ३. अनबन। बिगाड़। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिरसना :
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अ० [सं० विलास] १. विलास करना। २. भोगना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |