शब्द का अर्थ
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					भर्तृहरि					 :
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					पुं० [सं०] १. उज्जैन के राजा इन्द्रदेव के पोते जो अपनी स्त्री समादेई (सिंघल की राजकुमारी) की दुश्चरित्रता के कारण दुःखी होकर संसार से विरक्त हो गये थे। संस्कृत में इनके बताये हुए श्रृंगार, शतक, नीति शतक, वैराग्य शतक, वाक्य पदीय आदि ग्रन्थ प्रसिद्ध है। २. संगीत में एक प्रकार का संकर राग जो ललित और पुरज के मेल से बनता है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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