शब्द का अर्थ
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					भवि					 :
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					वि० =भव्य। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					भविक					 :
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					वि० [सं० भव+ठन्-इक] १. मंगलकारी। २. धार्मिक। २. उपयोगी। उपयुक्त। ४. प्रसन्न। ५. समृद्ध। पुं० कल्याण। मंगल।				 | 
			
			
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					भवित					 :
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					भू० कृ० [सं०] १. अस्तित्व में आया हुआ। २. गत। भूत।				 | 
			
			
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					भवितव्य					 :
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					वि० [सं०√भू+तव्यम्] [भाव० भवितव्यता] १. जो भविष्य में विशेषतः आसन्न भविष्य मे निश्चित रूप से होने को हो। २. जो भाग्य में बदा हो।				 | 
			
			
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					भवितव्यता					 :
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					स्त्री० [सं० भवितव्य+तल्+टाप्] १. ऐसा काम या बात जो भविष्य में ईश्वरीय विधान के अनुसार आश्वय होने को हो। २. भाग्य।				 | 
			
			
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					भविता (तृ)					 :
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					वि० [सं०√भू+तृच्] [स्त्री० भवित्री] १. आगे चलकर आने या होनेवाला। २. जो आगे चलकर अच्छा या उत्तम होने को हो। होनहार।				 | 
			
			
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					भविषय					 :
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					पुं० =भविष्य। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					भविष्य					 :
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					पुं० [सं०√भू (होना)+लुट्-शतृ, स्य, पृषो० ल-लोप] १. आनेवाला समय। वर्तमान के बाद आनेवाला काल। २. व्याकरण में भविष्यत् काल। (दे०)				 | 
			
			
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					भविष्य सुरति गोपना					 :
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					स्त्री०=भविष्य गुप्ता (नायिका)।				 | 
			
			
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					भविष्य-गुप्ता					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०+टाप्] वह गुप्ता नायिका जो रति में प्रवृत्त होनेवाली हो और पहले से उसे छिपाने का प्रयत्न करे० भविष्य सुरति। गुप्ता।				 | 
			
			
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					भविष्य-ज्ञान					 :
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					पं० [सं० कर्म स०] होनेवाली बातों की जानकारी।				 | 
			
			
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					भविष्य-निधि					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त०] १. भविष्य में होनेवाली आवश्यकताओं या स्थितियों के निमित्त संचिक किया जानेवाला कोश या धनराशि। २. आजकल नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के लिए संचित किया जानेवाला धन जो कर्मचारी की सेवा छोड़ने के समय दिया जाता है। निर्वाह निधि। (प्राविंडेंट फंड) ३. वह धन जो उक्त निधि में समय समय पर कर्मचारी या नियोक्ता जमा करते हैं।				 | 
			
			
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					भविष्य-पुराण					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] अठारह पुराणों में से एक।				 | 
			
			
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					भविष्यत्					 :
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					पुं० [सं०√भू (होना)+लृट्-शतृ, स्य] वर्तमान काल के उपरांत आनेवाला काल। आने वाला समय आगामी काल। भविष्य।				 | 
			
			
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					भविष्यत्-काल					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] व्याकरण में क्रियापद का वह रूप जो भविष्य में क्रिया के घटित होने की सूचना देता है। क्रियापद के इस रूप में गा गी गे आदि जुड़े होते हैं।				 | 
			
			
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					भविष्यदाक्षेप					 :
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					पुं० [सं० भविष्यत्-आक्षेप, कर्म० स०] साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार।				 | 
			
			
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					भविष्यद्वक्ता (क्तृ)					 :
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					पुं० [सं० भविष्यत्-वक्तृ, ष० त०] १. भविष्य में होनेवाली घटनाओं का कथन करनेवाला। २. ज्योतिषी।				 | 
			
			
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					भविष्यद्वाणी					 :
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					स्त्री० [सं० भविष्यत्-वाणी, ष० त०] ऐसा कथन या वक्तव्य जो भविष्य में होनेवाली किसी घटना की अग्रिम सूचना देता हो। आने या होनेवाली घटना का पहले से कथन।				 | 
			
			
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