शब्द का अर्थ
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					भाट					 :
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					पुं० [सं० भट्ट] [स्त्री० भाटिन] १. राजाओं के यश का वर्णन करनेवाला कवि। चरण। बंदी। ३. एक जाति जिसके लोग राजाओं का यश-गान करते थे; और अब कुलों, परिवारों आदि की वंशावलियाँ याद रखते और उनकी कीर्ति का वर्णन करते हैं। ३. राजदूत। ४. खुशामद करनेवाला पुरुष। खुशामदी पुरुष। खुशामदी। ५. दे० ‘भाटक’। पुं०=भाठ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					भाटक					 :
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					पुं० [सं०√भट् (पालन करना)+ण्वुल्—अक] १. भाड़ा। किराया। २. लगान।				 | 
			
			
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					भाटक-अधिकारी					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. भाड़े की उगाही करनेवाला अधिकारी। २. वह शासनिक अधिकारी जो मकान मालिक और किरायेदारों से संपर्क स्थापित करता और उनके विवादों को निर्णीत करता है। (रेन्ट आफिसर)				 | 
			
			
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					भाटा					 :
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					पुं० [हिं० भाट] १. समुद्र के जल की वह अवस्था जब वह ज्वार या चढ़ाव के बाद वेगपूर्ण पीछे हटने या उतरने लगता है। (एबटाइड) २. उक्त के फलस्वरूप आस-पास की नदियों में होनेवाला पानी का उतार। पुं०=भंटा (बैंगन)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					भाटिया					 :
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					पुं० [सं० भट्ट] क्षत्रियों, खत्रियों आदि का एक वर्ग या जाति।				 | 
			
			
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					भाटी					 :
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					स्त्री० [हिं० भाटा] नदियों आदि में पानी के बहाव की दिशा। (मल्लाह)। स्त्री०=भट्ठी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					भाट्यौ					 :
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					पुं० [हिं० भाट] भाट का काम। भटई। भाट-पन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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