शब्द का अर्थ
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					भिक्षु					 :
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					पुं० [सं०√भिक्ष्+उ, (स्त्री० भिक्षुणी)] १. वह जो मिली हुई भिक्षा पर निर्वाह करता हो। भिखमंगा या साधु। २. संन्यासी। विशेषतः बौद्ध संन्यासी। ४. गोरख मुड़ी।				 | 
			
			
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					भिक्षु-चर्या					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त०] भिक्षा-वृत्ति।				 | 
			
			
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					भिक्षु-रूप					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] महादेव।				 | 
			
			
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					भिक्षु-संघ					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] बौद्ध संन्यासियों का संघ।				 | 
			
			
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					भिक्षुक					 :
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					पुं० [सं०√भिक्ष्+उक्, अ० वा भिक्षु+कन्] [स्त्री० भिक्षुकी] भिक्षु। वि० भीख माँगनेवाला।				 | 
			
			
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