शब्द का अर्थ
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					भूप					 :
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					पुं० [सं० भू√पा (रक्षा करना)+क] १. राजा। रात के पहले पहल में गाया जानेवाला आड़ेव जाति का एक राग।				 | 
			
			
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					भूपग					 :
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					पुं० [सं० भूप√गम् (जाना)+ड] राजा। (डिं०)				 | 
			
			
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					भूपत					 :
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					स्त्री०=भूपता। पुं०=भूपति। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					भूपता					 :
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					स्त्री० [सं० भूप+तल्,+टाप्] १. राजा होने की अवस्था या भाव। २. राजा का पद।				 | 
			
			
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					भूपदी					 :
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					स्त्री० [सं० भूपद+ङीष्] एक तरह की चमेली।				 | 
			
			
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					भूपरा					 :
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					पुं० [सं० भूप से] सूर्य्य। (डिं०)				 | 
			
			
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					भूपाल					 :
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					पुं० [सं० भू√पाल् (रक्षा करना)+अण्] राजा। स्त्री० झड़बेरी।				 | 
			
			
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					भूपाली					 :
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					स्त्री० [सं० भूपाल+ङीष्] वर्षा ऋतु में रात के पहले पहर में गाई जानेवाली एक रागिनी जिसे कुछ लोग हिंडोल राग की रागिनी और कुछ मालकोश की पुत्रवधू मानते हैं।				 | 
			
			
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					भूपुत्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. मंगल ग्रह। २. नरकासुर नामक राक्षस।				 | 
			
			
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					भूपुत्री					 :
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					स्त्री० [सं० भूपुत्र+ङीष्] जानकी। सीता।				 | 
			
			
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					भूपेंद्र					 :
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					पुं० [सं० भूप-इंद्र, ष० त०] राजाओं में श्रेष्ठ, सम्राट्।				 | 
			
			
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