शब्द का अर्थ
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					भेष					 :
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					पुं०=भेस।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					भेषज					 :
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					पुं० [सं० भिषज्+अण्] १. रोगी को निरोग तथा स्वस्थ करना या बनाना। २. औषधि। औषध। दवा। ३. जल। पानी। ४. सुख। ५. विष्णु का एक नाम।				 | 
			
			
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					भेषज-करण					 :
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					पुं० [ष० त०] दवा तैयार करना। औषध बनाना।				 | 
			
			
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					भेषज-संग्रह					 :
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					पुं० [सं०] किसी देश या राज्य के द्वारा प्रकाशित वह आधिकारिक ग्रंथ जिसमें प्रामाणिक और मान्य औषधों की तालिका और उनके गुण, धर्मों, मात्राओं आदि का विवेचन हो। (फारमाकोपिआ)				 | 
			
			
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					भेषजांग					 :
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					पुं० [सं० भेजन-अंग, ष० त०] वह पदार्थ जो दवा के साथ अथवा जिससे दवा मिलाकर खाया जाता है और इसलिए जो दवा का अंग माना जाता है।				 | 
			
			
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					भेषजागार					 :
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					पुं० [सं० भेषज-आगार, ष० त०] औषधालय।				 | 
			
			
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					भेषना					 :
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					स० [हिं० भेष] १. भेस बनाना। स्वांग बनाना। २. कपड़े आदि धारण करना। पहनना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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