शब्द का अर्थ
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					मर्दन					 :
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					पुं० [सं०√मृद्+णिच्+ल्युट-अन] १. शरीर पर कोई स्निग्ध पदार्थ या ओषधि रगड़कर मलने की क्रिया या भाव। २. इस प्रकार किसी चीज को मलना या रगड़ना कि वह क्षत-विक्षत हो जाय। ३. कुचलना। रौंदना। ४. नष्ट-भ्रष्ट करना। ५. कुश्ती के समय एक मल्ल का दूसरे मल्ल की गर्दन आदि पर हाथों से घस्सा लगाना। ६. रसेश्वर दर्शन के अनुसार अठारह प्रकार के रस संस्कारों में से दूसरा संस्कार। इसमें पारे आदि को ओषधियों के साथ खरल करते या घोंटते हैं। घोंटना। ७. पीसना या रगड़ना। वि० [स्त्री० मर्दिनी] १. मर्दन करनेवाला।। २. नष्ट-भ्रष्ट करनेवाला। (याँ० के अन्त में) जैसे—मधु मर्दन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मर्दना					 :
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					स० [सं० मर्दन] १. मालिश करना। मलना। २. तोड़ मरोड़कर नष्ट करना। ३. चूर-चूर करना। ४. अंग-भंग करना। खंडित करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |